GDP तीसरी तिमाही में 5.4 % बढ़ी, दूसरी तिमाही की तुलना में कम ग्रोथ
मुंबई- देश की अर्थव्यवस्था तमाम अनुमानों से कम रही है। तीसरी तिमाही में 5.4 % की दर से बढ़ी है। हालांकि चौथी तिमाही में कच्चे तेलों की कीमतों में बढ़त और यूक्रेन-रसिया के टकराव का असर दिख सकता है। अक्टूबर -दिसंबर 2020 में GDP ग्रोथ 0.4% रही थी। तीसरी तिमाही की कुल GDP अनुमानित रूप से 38.22 लाख करोड़ रुपए की है जो एक साल पहले इसी अवधि में 36.26 लाख करोड़ रुपए थी।
NSO की ओर से जारी आंकड़ों में कहा गया है कि अक्टूबर से दिसंबर के बीच GDP ग्रोथ 5.4% रही। इससे पहले दूसरी तिमाही में इसमें 8.4% की बढ़त देखी गई थी। उधर, अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 के 9 महीने में सरकार को टैक्स से 15.47 लाख करोड़ रुपए मिले जबकि 28.09 लाख करोड़ रुपए इसी दौरान खर्च हुए। 8 प्रमुख इंडस्ट्रीज की ग्रोथ की बात करें तो यह अप्रैल से जनवरी के दौरान 11.6% बढ़ी है जो एक साल पहले इसी दौरान 8.6% की गिरावट में थी। केवल जनवरी की बात करें तो इसमें 3.7% की बढ़त दिखी है जो दिसंबर 2021 में 4.1% थी।
NSO का GDP ग्रोथ पर पहले का अनुमान 5.9% का था। इसने कहा कि 2021-22 के दौरान देश की अर्थव्यवस्था का आकार 147.72 लाख करोड़ रुपए रह सकता है। यानी 8.9% की दर से ग्रोथ दिखेगी। 2021-21 में इसमें 6.6% की गिरावट थी। इसके मुताबिक, अभी के प्राइस के हिसाब से नॉमिनल GDP ग्रोथ का अनुमान 236.44 लाख करोड़ रुपए का है। यह 2020-21 में 198.01 लाख करोड़ रुपए था।
इससे पहले फिस्कल डेफिसिट जनवरी में 1.8 लाख करोड रुपए रहा, जो एक साल पहले इसी महीने में 75,500 करोड़ रुपए था। फिस्कल डेफिसिट का मतलब सरकार का जितना खर्च है उसकी तुलना में इनकम में कमी से है। अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 के दौरान टैक्स से कुल 15.47 लाख करोड़ रुपए सरकार को मिले हैं। जबकि इसी दौरान कुल खर्च 28.09 लाख करोड़ रुपए रहा।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2022-23 में GDP की विकास दर का अनुमान 7.8% लगाया था। यह 2021-22 के 9.2% की उम्मीद की तुलना में काफी कम है। SBI की रिपोर्ट में कहा गया था कि देश की GDP तीसरी तिमाही में 5.8% की दर से बढ़ सकती है।
वैसे वित्तवर्ष 2022-23 के लिए पहले सुधारित अनुमान में GDP ग्रोथ 11.1% लगाया गया था। रीयल GDP ग्रोथ ग्रोथ के बारे में उम्मीद है कि यह 8 से 8.5% बढ़ सकती है। अगर कच्चे तेल की कीमतें 70-75 डॉलर प्रति बैरल तक नहीं आती हैं तो इसमें और गिरावट आने की आशंका है। राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (NSO) के मुताबिक, 2021-22 में कुल रीयल GDP 147.54 लाख करोड़ रुपए रह सकती है। यानी इसमें 9.2 % की दर से बढ़त होने का अनुमान है। बार्कलेज ने कहा था कि तीसरी तिमाही में GDP6.6% रह सकती है।
सकल घरेलू उत्पाद (GDP) किसी एक साल में देश में पैदा होने वाले सभी सामानों और सेवाओं की कुल वैल्यू को कहते हैं। GDP किसी देश के आर्थिक विकास का सबसे बड़ा पैमाना है। अधिक GDP का मतलब है कि देश की आर्थिक बढ़ोतरी हो रही है, अर्थव्यवस्था ज्यादा रोजगार पैदा कर रही है। इससे यह भी पता चलता है कि कौन से सेक्टर में विकास हो रहा है और कौन सा सेक्टर आर्थिक तौर पर पिछड़ रहा है।