ABG शिपयार्ड धोखाधड़ी में कई बैंक अधिकारी CBI के रडार पर   

मुंबई- ABG शिपयार्ड से जुड़े देश के सबसे बड़े बैंक धोखाधड़ी मामले में चल रही जांच के सिलसिले में कई बैंक अधिकारी गिरफ्त में आ सकते हैं। इसी मामले में करीब आधा दर्जन बैंक अधिकारियों से कड़ी पूछताछ की गई है। जिन लोगों से पूछताछ की गई है उनमें एक बैंक के कई अधिकारी शामिल हैं। इस बैंक ने ABG शिपयार्ड को ज्यादा कर्ज दिया है। 

एजेंसी जल्द ही और बैंक अधिकारियों से पूछताछ करेगी। इस बीच CBI ABG शिपयार्ड के पूर्व अध्यक्ष ऋषि अग्रवाल से पूछताछ जारी रखे हुए है। गुरुवार को उन्हें तीसरी बार तलब किया गया था। इससे पहले अग्रवाल से सोमवार और मंगलवार को हर दिन 9 घंटे से अधिक समय तक कड़ी पूछताछ की जा चुकी है। 28 बैंकों के एक समूह ने ABG शिपयार्ड को 22,842 करोड़ रुपए का कर्ज दिया था। यह कर्ज डूब गया है और कंपनी ने फंड को इधर-उधर कर दिया है।  

अर्नेस्ट एण्ड यंग की रिपोर्ट ने कंपनी और उसके निदेशकों द्वारा बैंकों से उधार लिए गए लोन के कई संभावित डायवर्जन के बारे में जानकारी दी थी। इस सप्ताह की शुरुआत में रिपोर्ट आई थी कि कंपनी में चार स्वतंत्र निदेशकों (independent directors) की भूमिका भी जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में है। 

CBI ने अग्रवाल से ऑडिट कंपनी अर्नेस्ट एण्ड यंग द्वारा बैंक कंसोर्टियम को दी गई फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट  के आधार पर कड़े सवालों पर जवाब मांगा है। इसके आधार पर समूह के बैंकों में से एक ने FIR दर्ज करने के लिए CBI से संपर्क किया था। गौरतलब है कि फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट जनवरी 2019 में दी गई थी।

SBI के DGM की शिकायत के मुताबिक कंपनी के पास ICICI बैंक के 7,089 करोड़ रुपए, IDBI बैंक के 3,634 करोड़ रुपए, SBI को 2,468 करोड़ रुपए, बैंक ऑफ बड़ौदा के 1,614 करोड़ रुपए, पंजाब नेशनल बैंक के 1,244 करोड़, इंडियन ओवरसीज बैंक के 1,228 करोड़ रुपए और LIC को 136 करोड़ रुपए का नुकसान शामिल है। 

CBI इन स्वतंत्र निदेशकों से भी पूछताछ करने वाली है। किसी भी कंपनी में स्वतंत्र निदेशक भी गड़बड़ियों के लिए जिम्मेदार होते हैं। बता दें कि ABG शिपयार्ड कंपनी जहाज के निर्माण और मरम्मत का काम करती है। इसके शिपयार्ड गुजरात के दहेज और सूरत में स्थित हैं। FIR के मुताबिक यह घोटाला अप्रैल 2012 से जुलाई 2017 तक का है। इस घोटाले को बैंकिंग फ्रॉड में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला कहा जा सकता है, क्योंकि यह नीरव मोदी से भी बड़ा घोटाला है। 

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