5 महीने में FII ने बेचे 1.73 लाख करोड़ के शेयर्स, फरवरी में 30 हजार करोड़ के बेचे स्टॉक  

मुंबई- विेदेशी संस्थागत निवेशक (FII) लगातार शेयर्स बेच रहे हैं। अक्टूबर में सेंसेक्स 62 हजार पर था। तब से अब तक इन निवेशकों ने 1.73 लाख करोड़ रुपए का शेयर बेचा है। के.आर. चौकसी के एमडी देवेन चौकसी कहते हैं कि ये निवेशक ऐसे ही मौके तलाशते हैं और उम्मीद है कि वे अब गिरावट में खरीदारी करेंगे।  

दरअसल विदेशी निवेशकों के शेयर बेचने के कई कारण हैं। पहला तो यूक्रेन और रूस का तनाव लंबे समय से चल रहा है। दूसरा भारत का बाजार काफी महंगा हो चुका था। तीसरा मामला अमेरिका सहित कई देशों में ब्याज दरें बढ़ने की गुंजाइश है। ऐसे कई कारण हैं, जिनकी वजह से यह निवेशक भारतीय बाजार से लगातार अपने निवेश निकाल रहे हैं।  

कोटक म्यूचुअल फंड के एमडी निलेश शाह का कहना है कि मार्च 2020 से अप्रैल 2020 तक FII ने 68,856 करोड़ रुपए का शेयर बेचा और निफ्टी 12%गिरा। जबकि अक्टूबर 2021 से जनवरी 2022 तक इन्होंने 71,824 करोड़ रुपए का शेयर बेचा और मार्केट केवल 1.61% गिरा। उनका कहना है कि FII की बिकवाली बराबर रही, पर उसका असर पूरी तरह से अलग रहा। इसका अर्थ यह है कि विदेशी निवेशकों की बिकवाली से अब बाजार पर कोई असर नहीं होता है।  

देश में निजी सेक्टर के बड़े बैंक ICICI बैंक में इनकी हिस्सेदारी 2% घटकर 45.29% रह गई है। जबकि REC में इन्होंने 2%, नेशनल अल्यूमिनियम, टाटा कम्युनिकेशन और HCL टेक में 1.9-1.9% हिस्सेदारी घटाई है। अंबूजा सीमेंट, बलरामपुर चीनी मिल्स, ग्लेनमार्क में 1.80-1.80% हिस्सा इन्होंने घटाया है।  

दिसंबर तिमाही तक इन निवेशकों ने 121 स्टॉक में एक पर्सेंट से ज्यादा की हिस्सेदारी घटाई है। इसमें सबसे ज्यादा इंडियन एनर्जी एक्सचेंज में तिमाही आधार पर 6.7% हिस्सेदारी घटाई गई। दूसरे नंबर पर इप्का लैब में 6.10% हिस्सेदारी घटा दी गई।  

आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर तिमाही में PVR के शेयर में इन्होंने 5.90% हिस्सा कम किया तो स्ट्राइड्स फार्मा में 5.10, जी एंटरटेनमेंट में 5% और महानगर गैस में 4.10% हिस्सेदारी घटाई। निजी बैंकों में तीसरे नंबर के एक्सिस बैंक में इन्होंने 3.90% हिस्सेदारी कम कर दी है। इस समय इसमें इनका 47.44% हिस्सा है।  

इंडसइंड बैंक में इन निवेशकों का हिस्सा 3.80% कम हुआ जबकि SBI कार्ड एंड पेमेंट्स में 2.80% हिस्सा कम किया। हीरो मोटोकॉर्प में 2.70%, ग्रासिम इंडस्ट्रीज में 2.20, दीपक नाइट्राइट में 2% हिस्सा घटाया है। इन निवेशकों ने मिला जुला कर सभी सेक्टर के शेयर्स में अपनी हिस्सेदारी कम की है। इंडसइंड बैंक में इनका हिस्सा 47.65% हिस्सा है। 

FII ने भारत फोर्ज, ओबेरॉय रियल्टी, इंद्रप्रस्थ गैस में 1.7-1.7% हिस्सा घटाया जबकि जुबिलेंट फूड, मैक्स फाइनेंशियल और कोफोर्ज में 1.6-1.6% कम किया। एस्ट्रल, डिवीज लैब में 1.5-1.5% हिस्सा घटाया है। इनके साथ ही डॉ. लाल पैथ लैब, इंफोएज, क्रांप्टन ग्रीव्ज, ट्रेंट, पावर फाइनेस, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज, कोलगेट पामोलीव में एक-एक पर्सेंट से ज्यादा की हिस्सेदारी कम की है।  

फर्स्टसोर्स सोल्यूशंस, टाटा स्टील, अमारा राजा बैटरीज, पंजाब नेशनल बैंक और बजाज ऑटो में एक पर्सेंट से ज्यादा हिस्सेदारी घटी है। सबसे ज्यादा इन्होंने जनवरी 2022 में बाजार से पैसा निकाला है। इस महीने में 41,346 करोड़ रुपए निकाले गए जबकि दिसंबर में 35,494, नवंबर में 39,901, अक्टूबर में 25,572 और फरवरी में अब तक 30,852 करोड़ रुपए की निकासी की गई है। 

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