खाने के तेल की कीमतों में जल्द आ सकती है गिरावट, पाम तेल पर टैक्स घटा
मुंबई- खाने के तेल की कीमतों में आने वाले दिनों में 3 से 5 रुपए प्रति लीटर की कमी आ सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि पाम तेल पर इंपोर्ट ड्यूटी को सरकार ने ढाई पर्सेंट तक घटा दिया है।
उधर,इंडस्ट्री के संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (SEA) ने अपने सदस्यों से इस तरह की मांग की है। यह कमी अधिकतम खुदरा मूल्य में की जाएगी। पिछली बार, इसने नवंबर 2021 में दिवाली के आस-पास कीमतों में 3 से 5 रुपए की कमी करने की मांग की थी। इसके बाद तेल कंपनियों ने ऐसा किया था। भारत ने खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों पर अंकुश रखने के लिए पिछले कुछ महीनों में पाम तेल पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने, स्टॉक सीमा लागू करने जैसे विभिन्न कदम उठाए थे।
SEA ने सोमवार को अपने सदस्यों से कहा कि वे तुरंत खाने के तेल की कीमतों में कमी करें। यह दूसरा मौका है जब SEA ने अपने सदस्यों से अधिकतम खुदरा मूल्य में कटौती करने की अपील की है। इंडोनेशिया जैसे कुछ निर्यातक देशों ने भी लाइसेंस के जरिए पाम तेल के निर्यात को रेगुलेट करना शुरू कर दिया है।
चालू वर्ष के दौरान रिकॉर्ड सरसों के फसल की उम्मीद की जा रही है। इससे ग्राहकों को कुछ राहत मिल सकती है। इसके अलावा, सरकार नई सरसों की फसल बाजार में आने से पहले कीमतों को नरम करने के लिए तुरंत कदम उठाने में सक्रिय रही है। कच्चे पाम तेल पर इंपोर्ट ड्यूटी में हाल ही में 2.5% की कमी इसका एक उदाहरण है।
रूस और यूक्रेन के बीच तनाव उस क्षेत्र से आने वाले सनफ्लावर तेल के लिए आग में घी डालने का काम कर रहा है। ला नीना के कारण ब्राजील में खराब मौसम ने भी लैटिन अमेरिका में सोया की फसल को काफी कम कर दिया है। इस वैश्विक स्थिति को देखते हुए, SEA ने कहा कि हालांकि इसके सदस्य खाने के तेलों की सप्लाई बनाए रखने के लिए जूझ रहे हैं।