एलआईसी ने लिस्टेड कंपनियों में घटाई हिस्सेदारी, जानिए अब कितनी है
मुंबई- देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने दिसंबर तिमाही के दौरान शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी घटाकर रिकॉर्ड निचले स्तर पर ला दी है और इन कंपनियों में अपने शेयर बेचकर मुनाफावसूली की।
शेयर बाजार में लिस्टेड 278 कंपनियों में एलआईसी की हिस्सेदारी 1 फीसदी से अधिक है। दिसंबर तिमाही के अंत में एलआईसी की हिस्सेदारी इन सभी लिस्टेड कंपनियों के मार्केट वैल्यू के 3.67 फीसदी के बराबर थी, जो इसका अब तक का सबसे निचला स्तर है। सितंबर तिमाही के अंत में यह आंकड़ा 3.69 फीसदी था। वहीं जून 2012 में इन कंपनियों में एलआईसी की हिस्सेदारी 5 फीसदी के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर थी।
मार्केट वैल्यू के लिहाज से, दिसंबर महीने के अंत में इन कंपनियों में एलआईसी की होल्डिंग्स की वैल्यू 9.53 लाख करोड़ रुपये थी, जो सितंबर तिमाही से 1.46 फीसदी अधिक था। LIC की तरफ से इन कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी कम करने के पीछे मुख्य वजह मुनाफावसूली है। हालांकि अभी भी बीमा कंपनियों की तरफ से शेयर बाजार में किए जाने वाले निवेश में एलआईसी का कोई मुकाबला नहीं है और 77 फीसदी निवेश यह अकेले करती है।
दिसंबर तिमाही के दौरान एलआईसी ने जिन 10 कंपनियों में सबसे अधिक हिस्सेदारी बेची, उनमें IRB इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स, ABB इंडिया, हिंदुस्तान मोटर्स, स्टरलाइट टेक्नोलॉजीज, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, बॉम्बे डाइंग एंड मैन्युफैक्चरिंग, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAIL), KEC इंटरनेशनल और भारत बिजली शामिल हैं।
हालांकि इस दौरान इसने पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (PFC), ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, कंप्यूटर एज मैनेजमेंट सर्विसेज (CAMS), कोफोर्ज, दीपक नाइट्राइट, JSW एनर्जी, एंड्योरेंस टेक्नोलॉजीज, SBI कार्ड्स एंड पेमेंट सर्विसे, PI इंडस्ट्रीज और लॉरैस लैब्स में खरीदारी कर अपनी हिस्सेदारी भी बढ़ाई।
आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि सभी बीमा कंपनियों की इक्विटी होल्डिंग 31 दिसंबर को छह साल के निचले स्तर 4.79 प्रतिशत पर आ गई, जो एक तिमाही पहले 4.81 प्रतिशत थी। इस अवधि के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी सूचकांकों में क्रमशः 1.48 और 1.5 फीसदी की गिरावट आई।