आपकी डिपॉजिट पर कम मिलता रहेगा ब्याज, आरबीआई ने नहीं बढ़ाया रेट
मुंबई- रिजर्व बैंक ने एक बार फिर प्रमुख दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। अगर आप बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) किए हैं या करने वाले हैं तो आपको घाटा हो सकता है।
लोन की तरह ही इस समय बैंक की FD पर ब्याज दरें निचले स्तर पर हैं। अगर आप नई FD की योजना बना रहे हैं तो आपको कम समय के लिए इसे करना चाहिए। अगर पहले की FD है और रिन्यूअल कर रहे हैं तो भी कम समय के लिए इसे करिए। यानी 6 महीने या एक साल के लिए। ऐसा इसलिए क्योंकि उसके बाद रेपो रेट में बढ़ोत्तरी हो सकती है। उसके बाद आप इसी पैसे को नई FD के रूप में रख सकते हैं।
FD की ब्याज दरों पर रिजर्व बैंक के फैसले का असर काफी होता है। अगर रिजर्व बैंक दरें घटाता तो आपकी FD पर और कम ब्याज मिलता। अगर वह रेपो रेट को बढ़ा देता तो आपको FD पर ज्यादा ब्याज मिलता। दरअसल डिपॉजिट और उधारी दोनों एक दूसरे से जुड़े हैं। यानी जब लोन पर ब्याज दर कम होगा तो डिपॉजिट पर भी कम होगा। ऐसा इसलिए कि बैंक आपसे जो डिपॉजिट 5 या 6% पर लेता है, वही पैसा आपको लोन के समय में 7-8% पर देता है। बैंक की यही प्रमुख कमाई है। बैंक के पास अपना खुद का पैसा बहुत कम रहता है।
अगर आप चाहते हैं कि लंबे समय के लिए एक ही बार में पैसे को जमा कर दिया जाए तो इसके लिए आप बांड ले सकते हैं। बांड पर वैसे भी ब्याज दर ज्यादा रहती है। काफी सारे बैंक और नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां फ्लोटिंग रेट वाली फिक्स्ड डिपॉजिट भी ऑफर करते हैं। आप चाहें तो इसे भी देख सकते हैं। ऐसे डिपॉजिट में रेट के बढ़ने और घटने का फायदा और घाटा दोनों आपको होता है। मतलब अब आगे ब्याज दरें बढ़ने की उम्मीद है तो आपको इसका फायदा मिल जाएगा।
अगर आप FD करना ही चाहते हैं तो आपको इसके लिए पैसों को कई साल के अलग-अलग समय में FD करना चाहिए। मान लीजिए आपके पास 1 लाख रुपए हैं तो आप इसे 4 हिस्सों में कर सकते हैं। यानी इसमें से 1 साल, 2 साल, 3 साल और 4 साल के लिए 25-25 हजार रुपए फिक्स्ड कर सकते हैं। एक साल के बाद जब आपकी डिपॉजिट का समय पूरा हो जाए तो आप इसे फिर से लंबे समय के लिए फिक्स कर सकते हैं।
अभी इस समय ज्यादातर बैंक FD पर 5.40% पर ब्याज दे रहे हैं। ऐसे में फ्लोटिंग रेट की डिपॉजिट पर आपको 1 से 1.50% ज्यादा ब्याज मिल सकता है। अगर आप वरिष्ठ नागरिक हैं तो फिर आप रिजर्व बैंक के फ्लोटिंग रेट वाले बांड भी ले सकते हैं। इस पर अभी 7.15% का ब्याज मिल रहा है। इसका समय 7 साल का होता है। हालांकि इसके लिए सरकार की कई स्कीम पहले से भी हैं, जिन पर ब्याज दरें ज्यादा मिल रही हैं। दो साल के समय पूरा होने पर आप उसे भी 4 साल के लिए फिर से FD कर सकते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि आपका पूरा पैसा एक ही समय के लिए कम ब्याज दर पर लॉक नहीं हुआ है। इस तरह की योजना से आपको उसी 1 लाख पर ज्यादा ब्याज मिल सकता है।
हालांकि आप अगर बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट में नहीं जाना चाहते हैं तो आप कंपनियों की FD के लिए फैसला ले सकते हैं। कंपनियों की FD पर आपको 7% से ज्यादा का ब्याज मिलता है। इसमें टाटा से लेकर बिरला और अन्य बड़े-बड़े कॉर्पोरेट घराने बांड लांच करते हैं। इसके अलावा आप चाहें तो अपने पैसे को म्यचुअल फंड के डेट फंड में रख दें।
म्यूचुअल फंड के डेट फंड में आपको बैंक या कंपनियों की फिक्स्ड डिपॉजिट से ज्यादा ब्याज मिलता है। साथ ही आप चाहें तो इसे सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के लिए फंड हाउस को कह दें। आपका हर महीने एक तय पैसा इसी में से कटता रहेगा और SIP में निवेश होता रहेगा। यानी डेट में एक तो फिक्स्ड से ज्यादा पैसा मिलेगा और फिर SIP में आपको शेयर बाजार का लाभ मिलेगा।