कोटक महिंद्रा बैंक में एलआईसी बढ़ा सकती है 10 पर्सेंट तक हिस्सेदारी
मुंबई- लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (एलआईसी) को आरबीआई से कोटक महिंद्रा बैंक में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 9.99 फीसदी करने की मंजूरी मिल गई है।
बैंक ने बताया है कि यह मंजूरी 1 साल की अवधि के लिए वैध रहेगी। इसके साथ ही यह मंजूरी सेबी के नियमों, फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट 1999 और दूसरे नियमों और कानूनों के अधीन है। पिछले महीने आरबीआई ने वर्किंग ग्रुप के उस सिफारिश को स्वीकार कर लिया था जिसमें प्राइवेट बैंकों में प्रमोटरों की हिस्सेदारी की सीमा बढ़ाकर 26 फीसदी और गैर प्रमोटरों की हिस्सेदारी बढ़ाकर 10 फीसदी तक करने के लिए कहा गया था।
30 सितंबर 2021 तक कोटक महिंद्रा बैंक में एलआईसी की हिस्सेदारी 4.96 फीसदी थी। वहीं बैंक के प्रमोटर उदय कोटक और परिवार के पास कोटक महिंद्रा बैंक की 26 फीसदी हिस्सेदारी थी जबकि कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड की 6.37 फीसदी हिस्सेदारी थी।
2020 में कोटक ने आरबीआई के उस निर्देश के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिसमें प्रमोटर हिस्सेदारी घटाकर 15 फीसदी करने के निर्देश दिए थे। आरबीआई ने बाद में कोटक को बैंक में26 फीसदी हिस्सेदारी बनाए रखने की मंजूरी दे दी थी।
26 नवंबर को आरबीआई ने सेंट्रल बैंक वर्किंग ग्रुप द्वारा भारतीय प्राइवेट सेक्टर के बैंकों में ओनरशिप और कॉर्पोरेट स्ट्रक्चर मं से दी गई 33 सिफारिशों में से 31 सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था। इस सिफारिशों में से एक सिफारिश यह थी कि प्राइवेट बैंकों में प्रमोटर की हिस्सेदारी 15 वर्ष की लंबी अवधि में 15 फीसदी से बढ़ाकर 26 फीसदी की जानी चाहिए।
यह शर्त सभी तरह के प्रमोटरों के लिए एक समान होनी चाहिए। इसका मतलब यह नहीं होना चाहिए कि ऐसे प्रमोटर जिन्होंने अपनी होल्डिंग घटाकर 26 फीसदी कर ली है उनको अपनी हिस्सेदारी फिर से बढ़ाकर 26 फीसदी करने की मंजूरी नहीं होगी। अगर कोई प्रमोटर यह चाहता है कि वह अपनी होल्डिंग 26 फीसदी से घटा ले तो वो ऐसा भी कर सकेगा लेकिन इसके लिए 5 साल की लॉकइन अवधि होगी यानी 5 साल के बाद ही ऐसा किया जा सकेगा।