म्यूचुअल फंड में निवेश के तमाम फायदे यहां पर जानिए
मुंबई- इस समय देश की म्यूचुअल फँड इंडस्ट्री 36 लाख करोड रुपए से ज्यादा की हो गई है। देश में 43 म्यूचुअल फंड कंपनियां हैं। निवेशकों की संख्या करोड़ के पार है। एसआईपी के जरिए हर महीने 10 हजार करोड़ रुपए की रकम आती है। ऐसे में इस इंडस्ट्री को समझना जरूरी है।
- पेशेवर प्रबंधन: म्यूचुअल फंडों में निवेश से आप अनुभवी और कुशल पेशेवरों की सेवाएं पा सकते हैं। म्यूचुअल फंडों से समिर्पत रिसर्च टीमें जुड़ी होती हैं, जो कम्पनी की निष्पादन क्षमता और सम्भावनाओं का विश्लेषण करती हैं और योजना के उद्देश्य प्राप्त करने के लिए उपयुक्त निवेश विकल्पों का चयन करती हैं।
- विविधीकरण: म्यूचुअल फंड कई उद्योगों व क्षेत्रों की कम्पनियों में निवेश करते हैं। ऐसे विविधीकरण से जोखिमों की आशंका कम रह जाती है, क्योंकि कुछ स्टॉक यदि नीचे जाते हैं, तो कुछ ऊपर भी जा सकते हैं। आप किसी म्यूचुअल फंड में निवेश से यह विविधीकरण योजना काफी कम लागत में प्राप्त कर सकते हैं।
- सुविधाजनक प्रशासन: म्यूचुअल फंडों में निवेश से कागजी काम कम हो जाता है, जिससे कई समस्याएं खुद ही समाप्त हो जाती हैं। जैसे डिलीवरी की समस्या, भुगतान में देरी और ब्रोकरों और कम्पनियों के साथ अनावश्क कार्यवाही। म्यूचुअल फंड आपका समय बचाने के साथ–साथ निवेश प्रक्रिया को आसान और सुविधाजनक भी बनाते हैं।
- आय संभावना: मध्यम से लेकर लम्बी अवधि तक म्यूचुअल फंड उंची आय दिलाने की क्षमता रखते हैं, क्योंकि कुछ चुनी हुई प्रतिभूतियों के विविधीकृत समूह में निवेश करते हैं।
- कम लागत: म्यूचुअल फंड पूंजी बाजार में निवेश का अपेक्षाकृत कम खर्चीला रास्ता है, क्योंकि इसमें ब्रोकरेज, संरक्षण और अन्य शुल्क के लाभ निवेशकों की निवेश लागत को कम कर देते हैं।
- तरलता: ओपन एन्डेड योजनाओं में आप तुरन्त एनएवी सम्बन्धी मूल्य पर अपनी धनराशि वापस प्राप्त कर सकते हैं। क्लोज एन्डेड योजनाओं और अवकाश योजनाओं में आप अपने यूनिट स्टॉक एक्सचेंज में चालू बाजार मूल्य पर बेच सकते हैं या एनएवी सम्बन्धी मूल्य पर यूनिट दोबारा खरीदने की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।
- पारदर्शिता: आपको अपनी योजना में किये गये निवेश–विशेष के तथ्यों, जैसे फंड प्रबन्धकों ने किस सम्पति में कितनी धनराशि निवेश की है, उनकी निवेश रणनीति और दृष्टिकोण क्या है, की जानकारी के साथ–साथ अपने निवेश के मूल्य के बारे में भी नियमित जानकारी मिलती रहती है।
- लोच: सुनियोजित निवेश योजना यानी सिस्टेमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) जैसी विशेष योजनाओं के माध्यम से नियोजित निकास योजना यानी सिस्टेमैंटिक विदड्राअल प्लान (एसडब्ल्यूपी) लाभांश पुनर्निवेश योजनाओं के माध्यम से आप अपनी जरूरत और सुविधानुसार अपनी धनराशि निवेश कर सकते हैं या वापस प्राप्त कर सकते हैं।
- पसंद की योजना: म्यूचुअल फंड आपकी विभिन्न जरूरतों के अनुसार आपको जीवन भर तरह–तरह की योजनाएं प्रदान करते रहते हैं।
- कुशल निमयम: सभी म्यूचुअल फंड सेबी में पंजीकृत होते हैं और निवेशकों के हितों की रक्षा को ध्यान में बनाये गये निर्धारित नियमों के तहत ही अपना काम–काज करते हैं। म्यूचुअल फंडों की कार्यप्रणाली की सेबी द्वारा नियमित तौर पर निगरानी की जाती है।