प्रदीप पंड्या की ईटी नाऊ स्वदेश से विदाई, कई और पत्रकार सेबी के रडार पर
मुंबई– शेयरों की सलाह देकर उसके जरिए खुद कमाई करने वाले कई पत्रकार सेबी के रडार पर हैं। खबर है कि टीवी चैनलों, सोशल मीडिया के जरिए निवेशकों को गुमराह कर अपनी जेब भरने वाले पत्रकारों पर सेबी की नजर है।
बता दें कि अब तक इस तरह के मामलों में दो पत्रकारों की विदाई हो चुकी है। सीएनबीसी से पिछले साल हेमंत घई की विदाई की गई जबकि इसी हफ्ते ईटी नाऊ स्वदेश से प्रदीप पंड्या की विदाई की गई है। सेबी ने सोमवार को प्रदीप पंड्या के खिलाफ आर्डर जारी किया और उसके तुरंत बाद ईटी से उनकी छुट्टी कर दी गई।
प्रदीप पंडया ईटी नाऊ स्वदेश की कोर टीम के हिस्से में थे। उनके साथ कोर टीम का पूरा टीजर लांच किया गया था। प्रदीप पंडया सीएनबीसी से ईटी नाऊ स्वदेश में आए थे। हालांकि जब वे आए थे, तब ईटी के मैनेजमेंट को उनकी इस कारस्तानी के बारे में जानकारी नहीं थी।
जैसे ही ईटी के मैनेजमेंट को पता चला, प्रदीप पंडया की विदाई कर दी गई। सूत्र बताते हैं कि शेयरों में खरीदी और बिक्री की सलाह देकर इस तरह के पत्रकार खुद अपनी कमाई कर रहे हैं। ऐसे में सेबी कई लोगों को इस रडार में रखा है। प्रदीप पंडया की कारस्तानी को सेबी ने जनवरी 2020 से दिसंबर 2020 तक जांच में रखा था।
हेमंत घई की भी इसी तरह से जांच की गई थी। सेबी ने हेमंत घई को 3 करोड़ रुपए वापस लौटाने का आदेश दिया था जबकि प्रदीप पंड्या को 8.34 करोड़ रुपए लौटाने का वापस दिया है। सीएनबीसी के इन दो पत्रकारों की वजह से सीएनबीसी ब्रांड की इस समय पिट गई है। चैनल पर 20-20 स्टॉक और पंड्या का फंडा चलाने जैसे कार्यक्रमों पर अब सेबी की नजर टेढ़ी हो गई है।
हालांकि हाल के मामलों में इस तरह का यह पहला मामला है। इससे पहले सेबी ने इकोनॉमिक टाइम्स के एक पत्रकार राजेश उन्नीकृष्णन को साल 2009-10 में आरोपी बनाया था। उन्नीकृष्णन पिरामिड साइमीरा के प्रमोटर्स के साथ मिलकर सेबी के फर्जी लेटर पर ओपन ऑफर जारी करने का लेटर जारी किया था। इस मामले में उस समय एक पीआरएजेंसी में काम करने वाले राकेश शर्मा को भी आरोपी बनाया गया था। यह सब एक सोची समझी रणनीति के तहत काम किया गया था।