3 सालों में मार्केट कैप में होगी 100 लाख करोड़ रुपए की बढ़ोत्तरी

मुंबई- तीन सालों में लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में 100 लाख करोड़ रुपए की बढ़त होगी। इसमें से 30 लाख करोड़ अकेले नई कंपनियों का योगदान होगा। इस वजह से मार्केट कैप 5 लाख करोड़ डॉलर (370 लाख करोड़ रुपए) पर पहुंच जाएगा। अभी मार्केट कैप 3 लाख करोड़ डॉलर यानी 260 लाख करोड़ रुपए के आस-पास है।  

इसी महीने में बाजार की तेजी से बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने मार्केट कैप में फ्रांस को पीछे छोड़कर छठां स्थान हासिल किया है। ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन ने कहा है कि शेयर बाजार का सेंटिमेट इस समय मजबूत है। विदेशी निवेशकों का निवेश बना हुआ है। ब्रोकरेज फर्म ने कहा है कि नई कंपनियों का योगदान मार्केट कैप में 30 लाख करोड़ रुपए का होगा। हाल के समय में इन कंपनियों ने करीबन 3.70 लाख करोड़ रुपए जोड़ा है।  

इस साल के अंत तक 40 IPO आने की संभावना है। इसमें से अक्टूबर और नवंबर में 30 से ज्यादा IPO आ सकते हैं। जोमैटो जैसे स्टार्टअप मार्केट कैप में ज्यादा योगदान देंगे। इसका मार्केट कैप 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा है। इसी दीवाली में पेटीएम भी लिस्ट होगी। जबकि ओयो, ओला और फ्लिपकार्ट जैसे स्टार्टअप भी लिस्ट होंगे। इस साल देश में 27 स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन गए हैं।  

यूनिकॉर्न मतलब जिनका वैल्यूएशन 1 अरब डॉलर हो। अभी देश में 67 स्टार्टअप यूनिकॉर्न के रूप में हैं। वैसे सबसे बड़ा IPO LIC का है। इसका रिकॉर्ड टूटना भी निकट समय में मुश्किल होगा। इसके IPO से एक ही झटके में मार्केट कैप में 10-12 लाख करोड़ रुपए की बढ़त होगी। जुलाई में मार्केट कैप में 7 लाख करोड़, जबकि अगस्त में 13 लाख करोड़ और इस महीने में मार्केट कैप में 10 लाख करोड़ रुपए की बढ़त हुई है।  

जिस तरह से बाजार में तेजी है, ऐसे में यह भी उम्मीद है कि इसमें आगे गिरावट आ सकती है। क्योंकि बाजार का वैल्यूएशन काफी ज्यादा है। इस साल में पूरी दुनिया के बाजारों में 1048 अरब डॉलर की रकम आई है। आंकड़े बताते हैं कि भारतीय बाजार की तेजी के दौरान विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी अगस्त तक 630 अरब डॉलर की हो गई थी। जून तक यह हिस्सेदारी 592 अरब डॉलर की थी। अगस्त और सितंबर में बाजार में सबसे ज्यादा तेजी आई और कई नए रिकॉर्ड बने।  

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