भारत में अमेरिका, जापान, UK और सिंगापुर भारी निवेश कर सकते हैं

मुंबई- भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला देश बनाने में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) की प्रमुख भूमिका होगी। डेलॉयट के सीईओ पुनीत रंजन ने कहा कि सर्वे से यह पता चलता है कि FDI को सबसे ज्यादा आकर्षित करने वाले देशों में भारत है। कोविड-19 के बावजूद भी पिछले साल भारत में विदेशों से काफी पैसे आए हैं। जिन बिजनेस लीडर के साथ डेलॉयट ने सर्वे किया, वे भारत में अतिरिक्त निवेश या पहली बार निवेश करने की तैयारी कर रहे हैं।  

डेलॉयट ऐसी पहली प्रोशेफनल सर्विसेस फर्म है, जिसने 50 अरब डॉलर का कारोबार पार किया है। अगले तीन सालों में डेलॉयट भारत में 75 हजार लोगों की भर्ती करेगी। कंपनी के पास भारत में अभी 65 हजार लोग हैं। पूरी दुनिया में उसके पास 3.45 लाख कर्मचारी हैं।  

डेलॉयट ने अमेरिका, UK, जापान और सिंगापुर में 1200 बिजनेस लीडर्स के बीच सर्वे किया। इसमें से 44% लोगों ने कहा कि वे भारत में अतिरिक्त निवेश या फिर पहली बार निवेश करेंगे। पहली बार निवेश करने वाले लोगों की संख्या कुल निवेश करने वालों की तुलना में दो तिहाई है। ये लोग अगले दो सालों में भारत में निवेश की योजना बना रहे हैं।  

सर्वे में कहा गया कि भारत 7 प्रमुख सेक्टर्स जैसे कपड़ा, फूड प्रोसेसिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, औषधि, ऑटो और केमिकल जैसे सेक्टर्स में ज्यादा FDI को आकर्षित कर सकता है। 2020-21 में इन सेक्टर्स ने निर्यात में 181 अरब डॉलर का योगदान दिया था। बहुत सारे अंतरराष्ट्रीय उद्योगपति भारत की लंबी अवधि की संभावनाओं में विश्वास रखते हैं। 

अमेरिका और ब्रिटेन के उद्योगपतियों ने भारत की स्थिरता में अधिक विश्वास व्यक्त किया है। हालांकि अभी भी विदेशी निवेशक चाहते हैं कि भारत में बिजनेस करने में और आसानी हो। हाल में जो भी सुधार सरकार ने किया है, वह इन निवेशकों के लिए काफी नहीं है। डेलॉयट के CEO ने कहा कि सरकार की नीतियां स्वागत योग्य हैं और भारत में FDI को आकर्षित करने में मदद कर रही हैं। हाल में कुछ नीतियों को काफी स्पष्ट किया गया है जो बहुत अच्छी बात है। साथ ही इंफ्रा सेक्टर में निवेश बहुत पॉजिटिव कदम है।  

उन्होंने कहा कि सरकार जो भी अच्छा काम कर रही है, उसके बारे में विदेशों में जागरुकता काफी कम है। जापान के 16% और सिंगापुर के 9% बिजनेस लीडर ग्राहकों को डिजिटाइजेशन, क्लियरेंस और प्रोडक्शन के बारे में काफी कम पता है।  

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