डिजिटल बाजार में फेसबुक और शाओमी के बीच कांटे की टक्कर, फेसबुक बिना गारंटी लोन देगी
मुंबई- भारत का डिजिटल मॉर्गेज का मार्केट फेसबुक से लेकर शाओमी जैसी कंपनियों के लिए अब एक युद्ध के मैदान में बदल रहा है। हाल फिलहाल कई प्लेयर्स 75 लाख करोड़ रुपए के कारोबार में पैर जमाने की तलाश में हैं। फेसबुक ने पिछले महीने कहा था कि भारत वह पहला देश हो सकता है जहां वह अपने प्लेटफॉर्म पर कर्ज उपलब्ध कराएगी।
गूगल ने कहा कि इसे लघु उद्योग कर्ज कार्यक्रम (small enterprise mortgage program) के रूप में शुरू किया जाएगा। यह लोन कोलैटरल के बिना 17% से 20% की ब्याज दर पर मिलेगा। इसके तहत 5 लाख से 50 लाख रुपए तक का कर्ज मिलेगा।
प्रेस बिलीफ ऑफ इंडिया के कंट्री हेड मनु जैन का हवाला देते हुए एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में सोशल मीडिया की एंट्री शाओमी के साथ मेल खाती है। यह चीनी कंपनी कुकर से लेकर गेमिंग स्क्रीन तक बनाती है। अब उसकी प्लानिंग देश के कई बड़े बैंकों और स्टार्टअप डिजिटल के साथ साझेदारी करना है। इसके तहत लोन, डेबिट-क्रेडिट कार्ड और बीमा उत्पाद देने की है।
प्रासेस एनवी ने इसी हफ्ते कहा कि वह 34,376 करोड़ रुपए में भारतीय ऑनलाइन फंड कंपनी बिलडेस्क को खरीदेगी। एशियाई देशों में अब तक का यह सबसे बड़ा अधिग्रहण है। अमेजन डॉट कॉम ने भी पिछले महीने देश के वेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन सेक्टर में अपनी पहली फंडिंग की। गूगल भी अपनी फंडिंग बढ़ा सकती है। गूगल अपने गूगल पे प्लेटफॉर्म पर डिजिटल गोल्ड, म्यूचुअल फंड जैसे वेल्थ मैनेजमेंट उत्पाद की सेवा अभी देती है। अब यह अपने ग्राहकों के लिए टाइम डिपॉजिट शुरू करने के लिए छोटे भारतीय बैंकों के साथ करार कर रही है।
महामारी के दौरान ऑनलाइन लेन-देन बढ़ा है। हालांकि बेतहाशा कर्ज में वृद्धि के बाद ट्रेडिशनल बैंकर्स सतर्क मोड में आ गए हैं। इससे भारत का डिजिटल फंड बाजार कुछ बड़ी टेक कंपनियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) के अनुमान के अनुसार, डिजिटल लेंडिंग का बाजार 2023 तक तीन गुना बढ़कर 350 अरब डॉलर हो सकता है। 2024 तक कुल 75 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है।
भारतीय ग्राहक बेहतर रूप से डिजाइन किए गए डिजिटल अनुभवों के लिए तैयार हैं। इसलिए बहुत सारी कंपनियां इस अवसर को भुनाने की ताक में बैठी हैं। इसमें देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज, अमेजन और अन्य कंपनियां भी हैं। अमेजन हालांकि फ्यूचर और रिलायंस इंडस्ट्रीज की डील में फंसी है। हाल में कोर्ट ने इस मामले में अमेजन के पक्ष में फैसला दिया है।