पत्नी के साथ जबरदस्ती संबंध बनाना रेप नहीं, कोर्ट का फैसला
मुंबई- एक पति पत्नी की मर्जी के खिलाफ जबरन संबंध बनाता था। प्रताड़ना से तंग आकर पत्नी ससुराल छोड़ अपने मायके चली गई। इसके बाद पत्नी ने अपने पति के खिलाफ रेप, अप्राकृतिक संबंध और दहेज प्रताड़ना का केस कर दिया। मामला कोर्ट पहुंचा तो निचली अदालत ने पति को तीनों मामलों में दोषी माना, लेकिन हाईकोर्ट में पति को रेप के आरोप से बरी कर दिया।
ऐसा पहली बार नहीं है जब पति को पत्नी के साथ रेप के आरोप से बरी किया गया हो। भारतीय कानून में पति-पत्नी के बीच इस तरह के मैरिटल रेप की धारा 375 से अलग रखा गया है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते एक पुरुष को पत्नी की तरफ से लगाए गए रेप के आरोप से बरी कर दिया था। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि कानूनी रूप से विवाहित पत्नी के साथ पति द्वारा जबर्दस्ती संबंध बनाना रेप की श्रेणी में नहीं आता है। महिला ने अपने पति पर कई बार जबरन रेप और अप्राकृतिक संबंध बनाने के आरोप लगाए थे।
हालांकि, कोर्ट ने आरोपी पति पर धारा 377 के तहत अप्राकृतिक संबंध बनाने और दहेज प्रताड़ना के मामले चलाने की मंजूरी दे दी। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद मैरिटल रेप का मुद्दा फिर से चर्चा में आ गया है। इससे पहले पिछले महीने केरल हाईकोर्ट ने भी इसी तरह का फैसला सुनाया था। हालांकि, केरल हाईकोर्ट ने मैरिटल रेप को तलाक का वैध आधार जरूर माना था।
मानवाधिकार कार्यकर्ता लंबे समय से मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने की मांग कर रहे हैं। इसके बाद भी भारत में इसे अपराध नहीं माना गया है। 2017 में, दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका का जवाब देते हुए केंद्र सरकार ने कहा था कि मैरिटल रेप का अपराधीकरण भारतीय समाज में विवाह की व्यवस्था को “अस्थिर” कर सकता है। इस तरह का कानून पत्नियों को पुरुषों का उत्पीड़न करने के हथियार के रूप में काम करेगा। 2019 में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने एक कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने की कोई जरूरत नहीं है।
जब एक पुरुष और अपनी पत्नी की सहमति के बिना पत्नी के साथ सेक्शुअल इंटरकोर्स करता है तो इसे मैरिटल रेप कहा जाता है। मैरिटल रेप में पति किसी तरह के बल का प्रयोग करता है, पत्नी या किसी ऐसे शख्स को जिसकी पत्नी परवाह करती हो उसे चोट पहुंचाने का डर दिखाता हो या किसी और तरह का नुकसान जिससे महिला के अंदर ये डर बैठता हो कि अगर वो विरोध करेगी तो वो उसके खिलाफ जाएगा।