बीएसई के नए नियम से इन स्मॉल कैप शेयरों पर होगा असर, जानिए आपके पास है शेयर तो क्या होगा

मुंबई– मिड और स्मॉल कैप शेयरों में भारी उतार-चढ़ाव पर नियत्रंण के लिए बीएसई ने 1,000 करोड़ रुपये  से कम मार्केट कैप वाले कुछ स्टॉक्स के लिए एक नई निगरानी प्रणाली लॉन्च किया है। इस नए नियम को  Add-on Price Band Framework कहा जा रहा है। यह उन कंपनियों पर लागू होगा जिनका मार्केट कैप 1000 करोड़ रुपये से कम है और जो X, XT, Z, ZP, ZY, Y ग्रुप में आती है। बीएसई ने अपने सर्कुलर में यह जानकारी दी है। 

एक्सचेंज ने इस फ्रेमवर्क के दायरे में आनेवाले 31 स्टॉक की एक सूची जारी की है। इन स्टॉक्स पर 23 अगस्त से नए नियम लागू होंगे। इन कंपनी में  आशियाना एग्रो, कास्मो फेरिट्स, गरवारे सिंथेटिक्स सरस्वती कमर्शियल के नाम शामिल है। इसी तरह अन्य कंपनियों में गिता रिन्यूएबल, गोपाला, हजूर मल्टी प्रोजेक्ट, अंजलि फूड्स, मास्ट ट्रस्ट, वन ग्लोबल, पैन इलेक्ट्रॉनिक्स आदि हैं।

बीएसई के सर्कुलर के मुताबिक इस फ्रेमवर्क में वही स्मॉलकैप कंपनियां शामिल होंगी जिनकी मार्केट कैप 1000 करोड़ रुपये से कम होगी  और रिव्यू तारीख के दिन जिनके शेयरों के दाम 10 रुपये से ऊपर होंगे। शॉर्टलिस्ट शेयरों पर साप्ताहिक, मासिक, तिमाही आधार पर प्राइस की सीमा लागू की जाएगी। रोजाना प्राइस बैंड के अलावा अतिरिक्त प्राइस लिमिट लागू किये जायेंगे। वहीं शॉर्टलिस्ट शेयरों का रिव्यू 30 कारोबारी दिन होगा। बीएसई ने कहा है कि 23 अगस्त से Add-on Price Band Framework नियम लागू होंगे। 

BSE की ओर से आई सफाई में कहा गया है कि ये नियम सिर्फ BSE पर ही लिस्टेड शेयरों पर लागू होंगे। एक्सचेंज की सफाई के बाद मिडकैप, स्मॉलकैप शेयरों में निचले स्तरों से रिकवरी देखने को मिली थी। 

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