वोडाफोन आइडिया के शेयरों में 44% की तेजी, 7.35 रुपए तक गया शेयर
मुंबई- कर्ज के बोझ तले दबी और पैसों की दिक्कत से जूझ रही वोडाफोन आइडिया के शेयरों में अचानक माहौल बदल गया है। दो दिनों में इसके शेयरों में 44% की तेजी आई है। गुरुवार को यह 5.94 रुपए पर बंद हुआ था और कल यह 7.35 रुपए तक गया था। अंत में 7.10 रुपए पर बंद हुआ।
गुरुवार को इसके शेयरों में जबरदस्त गिरावट दिखी थी। शेयर सुबह 24% टूट कर 4.55 रुपए पर चला गया था। हालांकि कुछ ही घंटे बाद इस शेयर में रिकवरी आई और बंद होते समय यह 1% की मामूली गिरावट के साथ 5.94 रुपए पर बंद हुआ था। 4.55 रुपए पिछले एक साल में उसका सबसे निचला भाव था। गुरुवार को निचले स्तर से इस शेयर की कीमत में 24% की रिकवरी दिखने के बाद शुक्रवार को यह करीबन 20% की बढ़त के साथ 7.10 रुपए पर बंद हुआ। गुरुवार के निचले स्तर से आज के बंद होने तक इसके शेयरों में 44% की तेजी आई है।
इस साल जनवरी में इस शेयर का भाव 13.80 रुपए पर था। यह पिछले एक साल में इसका सबसे ज्यादा भाव था। जानकारों का मानना है कि इस कंपनी के लिए आगे काफी दिक्कतें हैं। दूसरी ओर गुरुवार को वोडाफोन आइडिया के सीईओ ने कर्मचारियों को यह आश्वासन दिया था कि उनकी नौकरी सही सलामत है। इससे यह उम्मीद जग रही है कि कंपनी आगे चलकर कोई न कोई उपाय पैसे का करेगी।
शेयरों की कीमतों में तेजी की जो मुख्य बात है वह यह कि कल सरकार ने रेट्रो टैक्स को लेकर घोषणा की थी। सरकार ने इनकम टैक्स कानून में बदलाव का फैसला किया है। यह रेट्रोस्पेक्टिव टैक्सेशन को बदलेगा। रेट्रो टैक्स 2012 में शुरू हुआ था और इसे अब सरकार वापस ले रही है। बिल के मुताबिक, सरकार इस मामले में बिना किसी ब्याज के उस रकम को वापस कर देगी, जो उसने लिया होगा।
हच की हिस्सेदारी वोडाफोन को बेची गई थी तो सरकार ने वोडाफोन से करोड़ों रुपयों का टैक्स मांगा था। 2007 में वोडाफोन ने हच में 67% हिस्सेदारी उस समय 11 अरब डॉलर में खरीदी थी। इसमें सरकार ने 7,990 करोड़ रुपए के टैक्स की मांग की थी। रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स वो टैक्स है जो इनकम टैक्स विभाग कंपनियों पर लगाता है। इसमें पुरानी डील पर भी टैक्स लेने का नियम है। इसे एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू यानी एजीआर के रूप में 50 हजार करोड़ रुपए की रकम अगले 10 सालों में चुकानी है। जबकि अगले साल इसे स्पेक्ट्रम और अन्य कर्ज को लेकर भी काफी रकम चुकानी है।