क्रिप्टोकरेंसी में मनी लांड्रिंग, ईडी ने शुरू की जांच
मुंबई– तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रही क्रिप्टो करेंसी में मनी लांड्रिंग का मामला सामने आया है। क्रिप्टो की एक करेंसी बिनांस कॉइन में भारत के प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जांच शुरू की है। ED ने इस मामले में अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया है।
मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के अनुसार, सट्टेबाजी एप्स से चल रही जांच में भारत की एंटी मनी लॉन्ड्रिंग एजेंसी ED इस बात की जांच कर रही है कि क्या बिनांस होल्डिंग्स लिमिटेड की भूमिका थी या नहीं। चूंकि जांच जारी है इसलिए ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है। प्रवर्तन निदेशालय ने बिनांस के अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया है और वे जवाब का इंतजार कर रहे हैं।
भारत चीनी ऑपरेटरों द्वारा संचालित सट्टेबाजी एप्स की जांच कर रहा है, जिसने वजीरएक्स क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के माध्यम से पैसों को वैध करने के लिए पिछले 10 महीनों में 10 अरब रुपए से अधिक एकत्र किए हैं। बिनांस ने 2019 में वजीरएक्स का अधिग्रहण किया था।
दरअसल केमैन आइसलैंड में स्थापित बिनांस आजकल रेगुलेटरी कार्रवाई का सामना कर रहा है। क्योंकि कई देशों ने इन चिंताओं के बीच इस बात की जांच तेज कर दी है कि क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल मनी लांड्रिंग, नशीली दवाओं से निपटने और आतंकवाद फैलाने के लिए किया जा रहा है। आश्चर्य यह है कि बिनांस कॉइन का केमन आइसलैंड में कोई हेडक्वॉर्टर भी नहीं है।
एप्स के ऑपरेटर्स ने बिनांस कॉइन के प्लेटफॉर्म पर वॉलेट में पैसे खरीदने, बदलने और ट्रांसफर करने के लिए वजीरएक्स के वॉलेट का इस्तेमाल किया। प्रवर्तन निदेशालय ने पहले ही 27.9 अरब रुपए की क्रिप्टो करेंसी से जुड़े लेन-देन में विदेशी मुद्रा प्रबंधन नियमों (फेमा) का उल्लंघन करने पर वजीरएक्स को कारण बताओ नोटिस जारी कर चुका है।
भारतीय एजेंसी ने पाया कि बिनांस ने ज्यादातर लेन-देन में ग्राहकों से आवश्यक जानकारियाँ एकत्र नहीं किया। उन्होंने कहा कि एक्सचेंज वर्चुअल करेंसी पर ग्लोबल लेवल पर निगरानी रखने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) द्वारा जारी मानदंडों के अनुसार वैश्विक एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग निगरानी की जानकारी भी एकत्र नहीं की। भारत में इस समय क्रिप्टो करेंसी में छोटे-छोटे निवेशक भी पैसे लगा रहे हैं।