कंपनियों ने जमकर दिया डिविडेंड, टॉप 155 कंपनियों का डिविडेंड 61,000 करोड़ रुपए
मुंबई– कोरोना के समय में कंपनियों ने रिकॉर्ड डिविडेंड दिया है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की टॉप 155 कंपनियों ने वित्त वर्ष 2020-21 यानी पिछले अप्रैल से इस मार्च तक 61,000 करोड़ रुपए का डिविडेंड दिया है। उसके पहले के साल में यह 37,200 करोड़ रुपए था। यानी 38% का इजाफा हुआ है।
दरअसल कोरोना के मुश्किल समय में भी कंपनियों ने अच्छी रिकवरी की। इनकी आय और कैश फ्लो की वजह से बैलेंसशीट में सुधार हुआ। ऐसा इसलिए क्योंकि ब्याज दरें काफी कम हैं। NSE की 155 में से 103 कंपनियों ने पिछले साल की तुलना में ज्यादा डिविडेंड दिया है। इसमें सरकारी तेल कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) ने 17,137 करोड़ रुपए का डिविडेंड दिया है। उसके पहले के साल में इसने 3,245 करोड़ रुपए का डिविडेंड दिया है। इसे 9,876 करोड़ रुपए इसकी नुमालीगढ़ रिफाइनरी में हिस्सेदारी बेचने से मिले थे।
सरकारी तेल कंपनी इंडियन ऑयल ने 11,297 करोड़ रुपए का डिविडेंड दिया है। 2019-20 में इसने 4,001 करोड़ रुपए का डिविडेंड दिया था। FMCG सेक्टर की बड़ी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) ने 9,519 करोड़ रुपए का डिविडेंड दिया है। इसे 2021 में 7,995 करोड़ रुपए का फायदा हुआ था। एक साल पहले इसने 5,400 करोड़ का डिविडेंड दिया था। इंफोसिस ने 2019-20 में 7,452 करोड़ का डिविडेंड दिया था। इसने 27 रुपए प्रति शेयर का लाभांश दिया था। पिछले साल इसने 11,502 करोड़ रुपए का डिविडेंड दिया।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 3,570 करोड़ रुपए का डिविडेंड दिया है। एक साल पहले इसने कोई भी डिविडेंड नहीं दिया था। ब्रिटानिया ने 842 करोड की तुलना में 3,794 करोड़ रुपए का डिविडेंड दिया है। अंबूजा सीमेंट ने 298 करोड़ रुपए की जगह 3,572 करोड़ रुपए का डिविडेंड दिया है। टेक महिंद्रा ने 4,357 करोड़ रुपए का डिविडेंड दिया है जबकि एक साल पहले इसने 1,449 करोड़ रुपए का डिविडेंड दिया था।
बाजार के जानकारों का कहना है कि बेहतर मार्जिन और फायदा की वजह से 2020-21 में कंपनियों ने ज्यादा डिविडेंड दिया है। कंपनियों ने जो डिविडेंड पेआउट दिया है, वह किसी एक वित्त वर्ष में अब तक का सबसे ज्यादा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि कंपनियों ने रिकॉर्ड लाभ कमाया है। सितंबर 2020 की तिमाही के बाद से कंपनियों के फायदे में अच्छी तेजी आई है।
ज्यादातर डिविडेंड सरकारी कंपनियों ने दिया है। इसमें सेल, कोल इंडिया, NTPC, भारत पेट्रोलियम जैसी कंपनियां हैं। निजी कंपनियों में हिंदुस्तान यूनिलीवर और लार्सन एंड टूब्रो जैसी कंपनियां हैं। कंपनियों ने इसी दौरान अपनी लागत में कटौती की और साथ ही वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को भी सीमित किया। इसी तरह ब्याज दरों में कमी का भी फायदा इन कंपनियों को मिला।
निफ्टी 500 कंपनियों का फायदा दिसंबर तिमाही में 2.20 लाख करोड़ रुपए रहा है। यह मार्च की तिमाही से ज्यादा रहा है। मार्च 2021 की तिमाही में कंपनियों की कमाई बेहतरीन रही है। खासकर उनकी जो साइक्लिकल सेक्टर में रही हैं।