वोडाफोन की मुश्किलें बढ़ीं, 9 महीने में 28 हजार करोड़ चुकाना है

मुंबई– देश की तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। कंपनी को अगले साल अक्टूबर तक 28 हजार करोड़ रुपए विभिन्न संसाधनों के लिए चुकाना है। जबकि मार्च तिमाही में इसका 7 हजार करोड़ रुपए का घाटा रहा है।  

कंपनी को सबसे पहले अगले साल फरवरी में 6 हजार करोड़ रुपए इसके एनसीडी के मूलधन के लिए चुकाना होगा। कंपनी ने एनसीडी जारी कर निवेशकों से पैसा जुटाया था, जो फरवरी में मैच्योर होगी। अगले ही साल में इसे 2 हजार करोड़ रुपए का कर्ज चुकाना है। जबकि एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू यानी एजीआर की किस्त का मार्च 2022 में इसे 8 हजार करोड़ रुपए चुकाना होगा।   

स्पेक्ट्रम की अप्रैल 2022 की किस्त में इसे 8,200 करोड़ रुपए देना होगा। इस तरह से देखें तो 2022 तक कंपनी को 28 हजार करोड़ की देनदारी चुकानी है जबकि 2023 में फिर इसे एजीआर और स्पेक्ट्रम के लिए पैसा देना होगा। मार्च 2023 में इसे स्पेक्ट्रम के लिए 2,900 करोड रुपए और एजीआर का 5 हजार करोड़ रुपए चुकाना होगा।  

उधर, टेलीकॉम कंपनी ने इस संबंध में टेलीकॉम डिपार्टमेंट को पत्र लिखा है। कंपनी ने कहा है कि वह स्पेक्ट्रम की अप्रैल 2022 की देनदारी नहीं चुका पाएगी। क्योंकि उसके पास पैसे नहीं हैं। जो भी कंपनी का कारोबार है, उससे कैश नहीं आ पा रहा है। कंपनी ने कहा है कि टेलीकॉम की हालात देखकर कोई भी निवेशक कंपनी में पैसे नहीं लगा रहा है। वोडाफोन आइडिया सितंबर से 25 हजार करोड़ रुपए जुटाने की कोशिश कर रही है, पर अभी तक उसे सफलता नहीं मिल पाई है।  

उधर ब्रोकरेज हाउसों ने कंपनी के शेयर का लक्ष्य 4 रुपए के करीब रख दिया है। यानी इसके शेयरों में यहां से 60% की गिरावट आ सकती है। वैसे दो दिनों में इसके शेयर 17% तक गिर कर 9 रुपए के नीचे आ गए हैं। ICICI सिक्योरिटीज ने इसके शेयर का लक्ष्य 5 रुपए रखा है और बेचने की सलाह दी है। जे पी मोर्गन ने 3 रुपए का लक्ष्य रख कर बेचने की सलाह दी है। गोल्डमैन ने भी 3 रुपए का लक्ष्य रख कर बेचने का सलाह दिया है। क्रेडिट सुइस ने इसका लक्ष्य 7.5 रुपए का रखा है।  

वोडाफोन आइडिया पर जिन बैंकों को ज्यादा कर्ज है उसमें SBI का 11,200 करोड़, पंजाब नेशनल बैंक का 1 हजार करोड़, इंडसइंड बैंक का 5 हजार करोड़ और ICICI बैंक का 1,700 करोड़ रुपए है। वोडाफोन आइडिया पर कुल 1.79 लाख करोड रुपए का कर्ज है। साथ ही इसे टेलीकॉम विभाग को 60,960 करोड़ रुपए का AGR यानी एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू भी अगले 10 सालों में देना है। यह देश की एकमात्र टेलीकॉम कंपनी है जो घाटे में है। इसके अलावा दो कंपनियां रिलायंस जियो और भारती एयरटेल फायदे में हैं।  

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