एक आईफोन पर 42 हजार रुपए कमाता है एपल, बनाने का खर्च 32 हजार, बिकता 74 हजार में

मुंबई– आज से ठीक 14 साल पहले एपल ने अपना पहला आईफोन लॉन्च किया था। तब से लेकर आज तक आईफोन का क्रेज कम नहीं हुआ है। फर्क सिर्फ इतना है कि उस वक्त लोगों को स्टोर्स के बाहर लंबी लाइन लगाकर आईफोन खरीदना पड़ता था, अब ये काम ऑनलाइन हो जाता है। बीते 14 सालों में आईफोन की कीमतें लाख रुपए से ऊपर पहुंच चुकी हैं, लेकिन इसकी डिमांड में आज भी कोई कमी नहीं आई है। 

कोरोना महामारी के दौर में भी आईफोन की डिमांड जमकर रही है। इस साल के पहली तिमाही में स्मार्टफोन की ग्लोबल सेल 7.3 लाख करोड़ रुपए को पार कर गई है। इस दौरान एपल आईफोन 12 प्रो मैक्स ने सबसे ज्यादा रेवेन्यू पर कब्जा किया है। वहीं, आईफोन 12, आईफोन 12 प्रो और आईफोन 11 का नंबर रहा। टेकवॉल्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में आईफोन 12 प्रो (128GB) के प्रोडक्शन की लागत 406 डॉलर (करीब 30,000 रुपए) है, जबकि एपल इसे 74,000 रुपए में बेचती है। यानी इसकी एक यूनिट पर कंपनी 59.36% करीब 44,000 रुपए का प्रॉफिट बनाती है। 

फोन की कीमत एक यूनिट पर नहीं, बल्कि कितने मिलियन का ऑर्डर मिल रहा है इस बात से तय की जाती है। फोन की कीमत हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में 40-60 रेशियो में होती है। ऐसा मान सकते हैं कि कंपनी को एक सबसे सस्ते 4G एंड्रॉयड स्मार्टफोन की मैन्युफैक्चरिंग के लिए हार्डवेयर में करीब 1500 से 2000 रुपए खर्च करने होते हैं। इसमें भी डिस्प्ले साइज, कैमरा मेगापिक्सल का अहम रोल होता है।  

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