कोरोना से निपटने के लिए वित्त मंत्री ने 6.28 लाख करोड़ रुपए का पैकेज दिया, जानिए आपको क्या मिला

मुंबई– वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोविड से प्रभावित अर्थव्यवस्था को तेजी लाने के लिए कई आर्थिक घोषणाएं की हैं। इसमें कुछ नई योजनाएं शामिल हैं। वहीं कुछ पुरानी योजनाओं का विस्तार किया गया है। वित्त मंत्री ने कुल 6,28,993 करोड़ रुपए के आर्थिक राहत की घोषणा की है। 

इकोनॉमिक रिलीफ– इसके तहत कोविड से प्रभावित सेक्टर के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपए की लोन गारंटी स्कीम। हेल्थ सेक्टर के लिए 50 हजार करोड़ रुपए। अन्य सेक्टर्स के लिए 60 हजार करोड़ रुपए। हेल्थ सेक्टर के लिए लोन पर 7.95% सालाना से अधिक ब्याज नहीं होगी। अन्य सेक्टर्स के लिए ब्याज 8.25% से ज्यादा नहीं होगी। 

ECLGS– ECLGS में 1.5 लाख करोड़ रुपए अतिरिक्त दिए जाएंगे। ECLGS 1.0, 2.0, 3.0 में अब तक 2.69 लाख करोड़ रुपए का वितरण। सबसे पहले इस स्कीम में 3 लाख करोड़ रुपए की घोषणा की गई थी। अब इस स्कीम का कुल दायरा 4.5 लाख करोड़ रुपए हो गया है। अब तक शामिल किए गए सभी सेक्टर्स को इसका लाभ मिलेगा। 

क्रेडिट गारंटी स्कीम– छोटे कारोबारी-इंडिविजुअल एनबीएफसी, माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूट से 1.25 लाख तक का लोन ले सकेंगे। इस पर बैंक के एमसीएलआर पर अधिकतम 2% जोड़कर ब्याज लिया जा सकेगा। इस लोन की अवधि 3 साल होगी और सरकार गारंटी देगी। 89 दिन के डिफॉल्टर समेत सभी प्रकार के बॉरोअर इसके लिए योग्य होंगे। इस स्कीम का लाभ करीब 25 लाख लोगों को मिलेगा। 31 मार्च 2022 तक इसका लाभ मिलेगा। 

रजिस्टर्ड टूरिस्ट गाइड/ ट्रेवल टूरिज्म स्टेकहोल्डर्स को वित्तीय मदद– कोविड से प्रभावित रजिस्टर्ड टूरिस्ट गाइड और ट्रेवल टूरिज्म स्टेकहोल्डर्स को वित्तीय मदद दी जाएगी। इसमें लाइसेंसड टूरिस्ट गाइड को 1 लाख रुपए और टूरिस्ट एजेंसी को 10 लाख रुपए का लोन दिया जाएगा। इस लोन को 100% गारंटी दी जाएगी। इस लोन पर कोई प्रोसेसिंग चार्ज नहीं होगा। 

पहले 5 लाख विदेशी टूरिस्ट वीजा मुफ्त जारी किए जाएंगे-यह स्कीम 31 मार्च 2022 तक लागू रहेगी। इस स्कीम के तहत 100 करोड़ रुपए की वित्ती सहायता दी जाएगी। एक टूरिस्ट को केवल एक बार स्कीम का लाभ मिलेगा। विदेशी टूरिस्टों को वीजा की अनुमति मिलते ही इस स्कीम का लाभ मिलेगा। 2019 में करीब 1.93 करोड़ विदेशी टूरिस्ट भारत आए थे। 

आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का विस्तार-यह योजना पिछले साल अक्टूबर में लॉन्च की गई थी। अब इस स्कीम को बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक किया जा रहा है। इस स्कीम के तहत अब तक करीब 21.42 लाख लाभार्थियों के लिए 902 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। इस स्कीम के तहत सरकार 15 हजार से कम वेतन वाले कर्मचारियों और कंपनियों के पीएफ का भुगतान करती है। सरकार ने इस स्कीम में 22,810 करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा है जिससे करीब 58.50 लाख लोगों को लाभ मिलेगा। सरकार कर्मचारी-कंपनी का 12%-12% पीएफ का भुगतान करती है। 

कृषि से संबंधी सब्सिडी-किसानों को 14,775 करोड़ रुपए की अतिरिक्त सब्सिडी दी गई है। इसमें 9125 करोड़ रुपए की सब्सिडी डीएपी पर दी गई है। 5650 करोड़ रुपए की सब्सिडी एनपीके पर दी गई है। रबी सीजन 2020-21 में 432.48 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदारी की गई है। अब तक किसानों को 85,413 करोड़ रुपए सीधे दिए गए हैं। 

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना– कोविड से प्रभावित गरीबों की मदद के लिए पिछले 26 मार्च 2020 को इस स्कीम की घोषणा की गई थी। शुरुआत में इस स्कीम का लाभ अप्रैल से जून 2020 के दौरान मिला था। बाद में इसे बढ़ाकर नवंबर 2020 तक लागू कर दिया था। 2020-21 में इस स्कीम पर 1,33,972 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। मई 2021 में इस स्कीम को फिर से लॉन्च किया गया। करीब 80 करोड़ लोगों को 5 किलो अनाज नवंबर 2021 तक मुफ्त दिया जाएगा। इस स्कीम पर इस साल करीब 93,869 करोड़ रुपए खर्च होंगे। पिछले साल और इस साल मिलाकर इस स्कीम पर करीब 2,27,841 करोड़ रुपए खर्च होंगे। 

23220 करोड़ रुपए पब्लिक हेल्थ के लिए-यह पैसा बच्चों से जुड़ी स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च किया जाएगा। इस पैसे से आईसीयू बेड, वेंटिलेटर बेड, एंबुलेंस जैसी सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। 31 मार्च 2022 तक यह पैसा खर्च किया जा सकेगा। इस स्कीम में पिछले साल 15 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। 

कुपोषण- किसानों की आय-कुपोषण से मुक्ति और किसानों की आय बढ़ाने के उपाय जारी हैं। इसके लिए खास गुणों और पोषक तत्वों वाली खेती की नस्लें तैयार की जा रही हैं। अलग-अलग तरह से अनाज की 21 वैराइटी उपलब्ध की जाएंगी। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 88 हजार करोड़ रुपए का एक्सपोर्ट इंश्योरेंस कवर। यह सेवा एक्सपोर्ट गारंटी कॉरपोरेशन की ओर से दी जाती है। देश के करीब 30% निर्यातकों को इसका लाभ मिलता है। 

डिजिटल इंडिया– भारतनेट ब्रॉडबैंड स्कीम के तहत प्रत्येक गांव तक इंटरनेट पहुंचाने के लिए 19041 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस स्कीम का लक्ष्य देश के सभी गांवों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचाना है। 31 मई 2021 तक 2.50 लाख ग्राम पंचायतों में से 1,56,223 गांवों तक ब्रॉडबैंड पहुंच गया है। 61,109 करोड़ रुपए में से अब तक 42,068 करोड़ रुपए की घोषणा 2017 में की गई थी। 

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