अंबानी के भाषण से घाटा, रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 4.5% टूटा, मार्केट कैप 70 हजार करोड़ घटा
मुंबई– रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के शब्दों का बुरा असर उनके कंपनी के शेयरों पर दिख रहा है। गुरुवार को करीबन डेढ़ पर्सेंट तक टूटने के बाद शुक्रवार को भी कंपनी का शेयर 3% तक टूट गया। दो दिनों में इसके मार्केट कैपिटलाइजेशन में 70 हजार करोड़ रुपए की कमी आई है।
कल यह शेयर 2,081 रुपए पर कारोबार कर रहा था। इसका मार्केट कैप 13.25 लाख करोड़ रुपए हो गया था। गुरुवार को बाजार बंद होते समय शेयर 2,153 रुपए पर जबकि मार्केट कैप 13.65 लाख करोड़ रुपए था। यानी दो दिनों में अंबानी के शब्दों से 70 हजार करोड़ इसके मार्केट कैप में गिरावट आई है।
अंबानी ने कंपनी की 44 वीं AGM में ढेर सारी घोषणाएं कीं। इसमें 90 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का विभिन्न परियोजनाओं में निवेश, जियो के नए फोन और रिटेल पर ग्रोथ जैसी बातें कीं। साथ ही सउदी अरामको के साथ दो साल से अटकी डील को भी उन्होंने पूरा करने का संकेत दिया। पर बाजार के निवेशकों को उनकी इन बातों का कोई असर नहीं हुआ। AGM के पहले से ही शेयरों में गिरावट थी। उम्मीद थी कि अंबानी कुछ अच्छी घोषणाएं कर सकते हैं। हालांकि अच्छी घोषणाओं के बावजूद बाजार ने इनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया। इस AGM में विभिन्न देशों से 3.5 लाख लोगों ने भाग लिया। पिछले साल 41 देशों से 3 लाख लोगों ने भाग लिया था।
2019 की एजीएम में मुकेश अंबानी ने सउदी अरामको के साथ 20 पर्सेंट हिस्सेदारी की डील की घोषणा थी। 2 साल बाद एक बार फिर से वही बात उन्होंने कही है कि जल्द ही इसे फाइनल किया जाएगा। निवेशकों को इस पर भी कोई स्पष्ट पिक्चर नहीं दिखी।
मुकेश अंबानी ने कहा कि रिलायंस का प्रदर्शन लगातार आउटस्टैंडिंग रहा है। इसका कुल रेवेन्यू 5.40 लाख करोड़ रुपए रहा है। देश की बड़ी कंपनी के रूप में रिलायंस का देश की इकोनॉमी में योगदान अच्छा रहा है। 75 हजार नया रोजगार दिया है। मुकेश अंबानी ने कहा कि रिलायंस ने नेट डेट फ्री बैलेंसशीट को मार्च 2021 के पहले ही पूरा कर लिया। हमारा लक्ष्य मार्च 2021 तक का था। इसे दो साल पहले पूरा किया गया है।
पिछले 10 सालों में रिलायंस ने देश और शेयरहोल्डर्स की वैल्यू में 90 अऱब डॉलर का निवेश किया है। आने वाले दशक में रिलायंस 200 अरब डॉलर का डायरेक्टली और पार्टनर्स के साथ निवेश करेगा। रिलायंस ने पिछले साल 3 लाख 24 हजार 432 करोड़ रुपए जुटाया था। यह रकम जियो टेलीकॉम, रिटेल और राइट्स इश्यू के साथ अन्य तरीकों से जुटाई गई थी।