रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए रिटेल सेगमेंट होगा ग्रोथ का इंजन, 10 सालों में दिखेगा दम
मुंबई– इन्वेस्टमेंट बैंकर गोल्डमैन सैक्स ने एक रिपोर्ट में कहा है कि अगले दशक में रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए इसका रिटेल सेगमेंट ग्रोथ का इंजन होगा। रिलायंस रिटेल के फायदे में 10 गुना की वृद्धि की संभावना है।
इस रिपोर्ट के अनुसार ई-कॉमर्स सहित रिटेल का बिजनेस रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के लिए अगला ग्रोथ इंजन होगा। वित्त वर्ष 2016 से 2020 के दौरान 5 गुना बढ़त दर्ज करने के बाद इसका रिटेल रेवेन्यू ग्रोथ स्थिर हो गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि कोरोना की वजह से लोग घरों में रह गए।
अरबपति मुकेश अंबानी की ऑयल टू टेलीकॉम ग्रुप ने अपनी फिजिकल पहुंच का विस्तार जारी रखा है। रिटेल व्यापार की मजबूत डिजिटल क्षमताओं का निर्माण करने के लिए इसने कोरोना के समय का उपयोग किया। गोल्डमैन ने कहा कि “हमारा मानना है कि रिटेल बिजनेस (ई-कॉमर्स सहित) रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के लिए अगला ग्रोथ इंजन बनने के लिए तैयार है।
व्यापक मंदी के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने मजबूत डिजिटल क्षमताओं के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया। रिपोर्ट कहती है कि हम वित्त वर्ष 2030 तक भारत में संगठित किराना (grocery) में 6 गुना वृद्धि देख रहे हैं। इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की बाजार हिस्सेदारी 15 पर्सेंट होगी। हमें उम्मीद है कि अगले चार वर्षों में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड का कोर खुदरा रेवेन्यू 36 पर्सेंट सीएजीआर (चक्रवृद्धि) की दर से बढ़ेगा। यह 44 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक जा सकता है। ई-कॉमर्स रेवेन्यू वित्त वर्ष 2025 में कुल रिटेल रेवेन्यू का 35 पर्सेंट होकर 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर होगा।
इसने वित्त वर्ष 2025 तक ऑनलाइन ग्रॉसरी में आरआईएल के लिए 50 पर्सेंट बाजार हिस्सेदारी का अनुमान लगाया है। इसमें ई-कॉमर्स में 30 पर्सेंट बाजार हिस्सेदारी होगी। यह वित्त वर्ष 2025 तक आरआईएल के लिए 35 बिलियन डॉलर का ई-कॉमर्स जीएमवी (gross merchandise value) के बराबर है। इसमें 19 बिलियन डॉलर ग्रॉसरी का होगा।
गोल्डमैन सैक्स ने बेस केस में आरआईएल के खुदरा कारोबार का मूल्यांकन 88 अरब डॉलर और तेजी के माहौल में 120 अरब डॉलर का वैल्यूएशन किया है। यह उम्मीद से ज्यादा मैक्रो ग्रोथ और मार्केट शेयर के आधार पर आँका गया है। इसने आरआईएल के रिटेल बिजनेस को डिस्काउंट कैश फ्लो (डीसीएफ) का इस्तेमाल करते हुए ऑफलाइन कारोबार के लिए 57 अरब डॉलर और ई-कॉमर्स के लिए 32 अरब डॉलर का वैल्यूएशन किया है।
रिपोर्ट कहती है कि हम भारत में संगठित खुदरा बिक्री में जोरदार वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। यह आरआईएल की कुशल रणनीति के कारण संभव हो सकेगा। संगठित रिटेल में बढ़ती बाजार हिस्सेदारी कई सालों तक जारी रहेगी। लिहाजा वित्त वर्ष 2030 में बाजार हिस्सेदारी 41.5 पर्सेंट से बढ़कर 54.7 पर्सेंट होने की संभावना है।
400 बिलियन डॉलर के जीएमवी के साथ किराना भारत में सबसे बड़ी रिटेल कैटेगरी है। इसने आगे कहा कि हमें उम्मीद है कि ऑयल से केमिकल (O2C) बिजनेस में चक्रीय वृद्धि और ग्राहक बिजनेस में वृद्धि के आधार पर वित्त वर्ष 2022 के अंत तक रिलायंस का कोर EBITDA सालाना 59 पर्सेंट की वृद्धि करेगा।
अगले 12 महीनों में, टेलीकॉम टैरिफ में वृद्धि, गूगल, फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट के साथ नए प्रोडक्ट की लॉन्च के साथ ही साथ और प्रस्तावित एनर्जी बिजनेस में बिकने वाली हिस्सेदारी से इसकी निरंतर आय में सुधार की उम्मीद है। कंपनी सउदी अरब की तेल कंपनी को अपनी हिस्सेदारी बेचने की बात कर रही है।