BSNL, MTNL में फिर से भर्ती, दोनों कंपनियों में कर्मचारियों की भारी कमी
मुंबई– सरकारी टेलीफोन कंपनियां भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) फिर से कर्मचारियों की भर्ती की योजना बना रही हैं। दरअसल घाटे में चलने के कारण इन दोनों ने कुछ समय पहले अपनी मर्जी से रिटायर (VRS) होने की योजना लागू की थी। उस योजना में काफी कर्मचारी शामिल हुए, जिससे दोनों के पास इस समय कर्मचारियों की कमी हो गई है।
कहा जा रहा है कि बड़े पैमाने पर कर्मचारियों ने VRS लेना शुरू कर दिया है। इसके चलते इन कंपनियों में कर्मचारियों की कमी साफ महसूस की जाने लगी है। पिछले एक साल से अधिक समय में दोनों कंपनियों के 93 हजार अधिकारी और कर्मचारी अब तक VRS के लिए आवेदन कर चुके हैं।
सूत्रों ने बताया कि BSNL और MTNL को इस चुनौती से उबरने में मदद करने के लिए दूरसंचार विभाग (DoT) के विभिन्न फील्ड और अटैच कार्यालयों ने टेलीकॉम मंत्रालय से संपर्क किया है। इसमें स्पष्टीकरण मांगा गया है कि क्या जिन कर्मचारियों ने VRS का विकल्प चुना था, उन्हें ‘सलाहकार के रूप में फिर से काम पर रखा जा सकता है’ ।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि DoT ने सभी फील्ड और विभिन्न अटैच कार्यालयों से कहा गया है कि जब तक इस मामले की पूरी जांच नहीं हो जाती, तब तक कंसल्टेंट के तौर पर VRS लेने वाले BSNL और MTNL स्टाफ की भर्ती को आगे न बढ़ाया जाए। इस मामले की वर्तमान में DoT (मुख्यालय) में जांच की जा रही है। इस मसले पर निर्णय लेते ही इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। तब तक VRS -2019 के तहत सेवानिवृत्त लोगों के आवेदनों को सलाहकार के रूप में एंगेज नहीं माना जा सकता है।
केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2019 में टेलीफोन कंपनियों की स्थिति सुधारने के लिए BSNL और MTNL के लिए VRS योजना को मंजूरी दी थी। इससे BSNL को अपने सैलरी खर्च में 50% की कटौती करने की मंजूरी मिली। MTNL में 75% तक की कमी की मंजूरी मिली। BSNL में काम करने वाले कुल 1.53 लाख कर्मचारियों में से 50% या लगभग 78,569 कर्मचारियों ने रिटायर होने का विकल्प चुना था। MTNL में इसके कुल मैनपॉवर का लगभग 80% या लगभग 14,4000 कर्मचारियों ने सेवानिवृत्त होने का विकल्प चुना था। तब DoT ने कहा था कि जिन कर्मचारियों ने VRS का विकल्प चुना है, उनमें से अधिकांश, 55-60 वर्ष उम्र के थे। ये सभी नॉन एग्जिक्युटिव कैटेगरी में थे।