कोविड के चलते 95% प्रोजेक्ट में हो सकती है देरी, क्रेडाई के सर्वे में खुलासा

मुंबई– बिल्डरों के देशव्यापी संगठन रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) ने एक सर्वे में पाया है कि देश भर के बिल्डरों के 95% प्रोजेक्ट में कोविड महामारी के चलते देरी हो सकती है। इससे उनकी लागत भी बढ़ सकती है।  

सर्वेक्षण से यह भी पता चला है कि डेवलपर्स सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से राहत उपायों की घोषणा चाहते हैं ताकि प्रोजेक्ट पूरा करने में और देरी से बचा जा सके। क्रेडाई की रिपोर्ट में कहा गया है कि इन संभावित देरी के कई पीछे कई कारण हैं जिन्हें इनके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। इसमें 92% डेवलपर्स साइट पर मजदूरों की कमी का सामना कर रहे हैं। 83% डेवलपर्स आधे से भी कम मजदूरों के साथ काम कर रहे हैं। 82% से अधिक डेवलपर्स प्रोजेक्ट मंजूरी मिलने में देरी का सामना कर रहे हैं।  

क्रेडाई नेशनल के अध्यक्ष हर्षवर्धन पाटोडिया ने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर ने थोड़ी राहत उपायों के बावजूद पहली लहर में कई अन्य दुश्वारियां झेलने के बाद ठीक-ठाक रिकवरी की थी। हालांकि, दूसरी लहर ने रियल एस्टेट उद्योग के विकास के रास्ते को फिर से नापने-तौलने और समीक्षा करने के लिए मजबूर कर दिया है।  हमने महसूस किया कि हाल की घटनाओं से ग्राहकों और उद्योग भागीदारों के सामने आने वाली चुनौतियों का आंकलन करना महत्वपूर्ण है ।  

क्रेडाई के अध्यक्ष ने कहा कि निष्कर्षों से पता चलता है कि दूसरी लहर का पहली लहर की तुलना में रियल एस्टेट सेक्टर पर अधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इसके अलावा, स्टील और सीमेंट सहित निर्माण सामग्री की कीमतों में आई तेजी जैसे फैक्टर्स ने 88% से अधिक डेवलपर्स के लिए कंस्ट्रक्शन कॉस्ट में 10% से अधिक की वृद्धि करने में योगदान दिया है।  

कोविड इम्पैक्ट एनालिसिस रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि विभिन्न वित्तीय बाधाएं और पैसों की कमी ने समस्या को और बढ़ा रही है। 77% डेवलपर्स मौजूदा लोन की सर्विसिंग से संबंधित मुद्दों का सामना कर रहे हैं। 85% डेवलपर्स पैसों के कलेक्शन में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। 69% बिल्डर्स ग्राहकों को होम लोन में आने परेशानी का सामना कर रहे हैं।  

पाटोदिया ने कहा कि इस सर्वेक्षण के मद्देनजर उनके संगठन ने सरकार को रिप्रेजेंटेशन दिया है और उसके हिसाब से तत्काल राहत कार्य उठाने की गुजारिश की है जिससे रियल स्टेट फिर से अपनी पुरानी रफ्तार पकड़ सके और देश के विकास में अपना योगदान दे सके। 

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