डीएचएफएल की बिक्री पर लगी मुहर, एनसीएलटी की मंजूरी

मुंबई– होम लोन कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) की बिक्री पर मुहर लग गई है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मुंबई बेंच ने पीरामल ग्रुप के ऑफर यानी रेजोल्यूशन प्लान को मंजूरी दे दी है। हालांकि, यह मंजूरी नेशनल कंपनी लॉ अपीलैट ट्रिब्यूनल (NCLAT) और सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगी। 

पीरामल ग्रुप ने DHFL के सारे कारोबार को खरीदने के लिए 37,250 करोड़ रुपए का ऑफर दिया है। इसमें 12,700 करोड़ रुपए का अपफ्रंट कैश भी शामिल हैं। पीरामल ग्रुप के ऑफर को कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC), रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) भी मंजूरी दे चुके हैं। 

NCLT ने क्रेडिटर्स की कमेटी से कहा है कि DHFL के फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) होल्डर्स और छोटे निवेशकों के लिए ज्यादा फंड आवंटित किया जाए। हालांकि, ट्रिब्यूनल ने अंतिम फैसला CoC पर ही छोड़ा है। NCLT ने DHFL के पूर्व प्रमोटर कपिल वधावन को रेजोल्यूशन प्लान की कॉपी उपलब्ध कराने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। 

पिछले महीने NCLT ने CoC से कहा था कि वह DHFL के पूर्व प्रमोटर कपिल वधावन के सेटलमेंट ऑफर पर विचार करें। इसके खिलाफ CoC ने NCLAT में याचिका दायर की थी। इस पर NCLAT ने NCLT के आदेश पर रोक लगा दी थी। NCLAT के फैसले पर रोक लगाने के लिए कपिल वधावन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अभी इस मामले में कोई फैसला नहीं आया है और मामला विचाराधीन है। 

जुलाई 2019 तक DHFL पर 83,873 करोड़ रुपए का कर्ज था। इसमें बैंक, नेशनल हाउसिंग बोर्ड, म्यूचुअल फंड्स और बॉन्डहोल्डर्स का पैसा शामिल है। DHFL पर सबसे ज्यादा 10,083 करोड़ रुपए का कर्ज स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का है। एनुअल रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2020 तक DHFL के पास 79,800 करोड़ रुपए के असेट्स थे। इसमें से 50,227 करोड़ रुपए या कुल पोर्टफोलियो का 63% हिस्सा नॉन-परफॉर्मिंग असेट्स (NPA) घोषित हो चुका है। 

DHFL को खरीदने के लिए अमेरिका की ओकट्री, अडाणी ग्रुप और हॉन्ग कॉन्ग की एससी लोवी ने भी बोली लगाई थी। अमेरिका की ओकट्री ने 95 हजार करोड़ रुपए की स्वीकृत देनदारी के विरुद्ध बिड वैल्यू 20,000 करोड़ रुपए और कैश इन हैंड 10,000 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी। अडानी ग्रुप ने 40 हजार करोड़ रुपए के होलसेल एंड स्लम रीहैबिलिटेशन अथॉरिटी (SRA) पोर्टफोलियों के लिए 3000 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी। CoC ने पीरामल ग्रुप की बोली के मंजूरी दी थी। 

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