बैंकों की जमा में आई तेजी, पर पैसे की निकासी में भी हो रही है तेजी
मुंबई– बैंकों में जमा होने वाले पैसे का चलन तेजी से बदला है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 के पहले 45 दिन के मुकाबले वित्त वर्ष 2021-22 में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिला। वित्त वर्ष का मतलब पिछले साल के अप्रैल से इस साल के मार्च के बीच का समय होता है।
रिपोर्ट के मुताबिक इस साल अप्रैल और मई के दौरान सभी बैंकों का डिपॉजिट और क्रेडिट दोनों गिरे हैं। हालांकि, वित्त वर्ष 2020-21 से डिपॉजिट का ट्रेंड बदला है। चालू फाइनेंशियल इयर 2021-22 के पहले 45 दिन यानी 3 पखवाड़े में डिपॉजिट के ट्रेंड में बदलाव देखने को मिली है।
अप्रैल-मई के 45 दिनों के पहले पखवाड़े में डिपॉजिट 1,01,357 करोड़ रुपए बढ़ा, दूसरे पखवाड़े में डिपॉजिट 80,579 करोड़ रुपए घटा और तीसरे पखवाड़े में एक बार फिर 82,555 करोड़ रुपए बढ़ा है। 2020-21 में 2.8 लाख करोड़ रुपए डिपॉजिट बढ़ा था। चालू फाइनेंशियल इयर में डिपॉजिट का आंकड़ा 7 मई तक 1 लाख करोड़ रुपए हो गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना दूसरी लहर से डिपॉजिट के ट्रेंड में आगे गिरावट की संभावना है।
रिपोर्ट ये बता रही है कि घर की रोजमर्रा की चीजों और इमरजेंसी के लिए पैसे की जरूरत है। ऐसे में लोग बैंक में पहले 15 दिनों में जमा हुई सैलरी महीने के दूसरे पखवाड़े में निकाल रहे हैं। इन पैसों को वो स्वास्थ्य या इमरजेंसी जरूरतों के लिए संभालकर रख रहे हैं।