अमेरिका में जाने पर लगी रोक, भारत में H-1 वीजा के हजारों अप्रवासी फंसे
मुंबई– अप्रैल की शुरुआत में पायल राज अपने परिवार के साथ अमेरिका में रहने की मंजूरी देने वाले वीजा को रिन्यू करने के लिए भारत आई थीं। उन्होंने और उनके पति ने तब तक इंतजार किया जब तक कि उनका टीकाकरण नहीं हो गया। इस् दौरान वे अपनी कागजी कार्रवाई तैयार कर रहे थे। लेकिन उन्होंने शायद ही कभी सोचा होगा कि वीज़ा ही उन्हें भारत में अनिश्चित काल के लिए फंसा देगा और वह उसे टेनेसी में रह रहे उनके पति और बेटी से अलग हो जाएगी।
भारत में फंसे हजारों अप्रवासियों में से एक पायल ने कहा कि हमारा परिवार संकट में है। क्योंकि यात्रा पर बाइडेन प्रशासन ने सख्त प्रतिबंध लगा रखे हैं। इसका मतलब यह है कि अस्थायी वीजा धारकों को अमेरिका में फिर से प्रवेश करने से रोक दिया गया है। पायल जैसे कई अन्य लोगों को अमेरिका में अपने घरों, परिवारों और नौकरियों में लौटने से रोक दिया है। यहां तक कि प्रतिबंध के तहत छूट प्राप्त करने वाले भी अब अधर में हैं। क्योंकि कोरोना का प्रकोप अमेरिकी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों को बंद करने के लिए मजबूर कर रहा है।
पायल के पति योगेश कुमार एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के ऑपरेशन मैनेजर हैं। वे H-1बी वीजा पर अमेरिका में रहते हैं। यह हाई तकनीकी वाले विदेशी श्रमिकों के लिए एक अस्थायी परमिट होता है। आश्रितों के रूप में पायल और उनकी बेटी के पास H -4 वीजा है। यह अस्थायी श्रमिकों को तत्काल परिवार लाने की अनुमति देता है। हर तीन साल में अमेरिका के बाहर एक दूतावास या वाणिज्य दूतावास में इसे रिन्यू किया जाना चाहिए।
कुमार और उनकी बेटी सानवी कुमार ने अपने वीजा को रिन्यू करा लिया था, लेकिन पायल को बायोमेट्रिक जमा करने और एक इंटरव्यू पूरा करने के लिए कहा गया। आलोचकों का कहना है कि यात्रा प्रतिबंध में छूट बड़ी बेतरतीबी से लागू है और अभी भी वायरस फैलने का जोखिम बना हुआ है। उदाहरण के लिए अमेरिकी नागरिक और स्थायी निवासी स्वतंत्र रूप से यात्रा कर सकते हैं, जबकि जो लोग पूरी तरह से टीका लगा चुके हैं, या जिनका टेस्ट नेगटिव है या उड़ान से पहले और बाद में क्वारंटीन होते हैं, वे स्वतंत्र रूप से यात्रा कर नहीं सकते हैं।
वीजा इमिग्रेशन का काम करने वाले अभिनव के एमडी अजय शर्मा कहते हैं कि यह तो कानूनी प्रक्रिया है। अमेरिका से अगर आप एक तय समय तक बाहर रहते हैं तो आपके वीजा की वैलिडिटी खत्म हो जाती है। हालांकि कोविड के दौरान कनाडा जैसे कुछ देशों ने ऑटोमैटिक एक्सटेंशन दिया था। पर अमेरिका ने पहले की ही शर्तें रखी हैं। H-1 वीजा का समय अगर खत्म हो जाता है तो आप जहां हैं, वहां फंसे रहेंगे।
उनके मुताबिक, इसमें एक विकल्प लीगल प्रोसेस है, पर वह बहुत ज्यादा लोग नहीं कर पाते हैं। साथ ही वीजा की अवधि खत्म होने के बाद आपको दोबारा अप्लाई करना होगा। अगर इसमें लॉटरी में आपका नाम नहीं आया तो फिर आप फंस जाएंगे। अमेरिका में H-1 वीजा के लिए सालाना 4 लाख के करीब लोग अप्लाई करते हैं। इसमें से 65 हजार लोगों को वीजा मिलता है। हालांकि कुछ प्रायोरिटी लेवल पर भी वीजा दिया जाता है। भारत में कोरोना की दूसरी लहर की वजह से अमेरिका और भारत के बीच फ्लाइट रद्द हो चुकी है। इसी वजह से इस तरह की दिक्कतों का सामना लोगों को करना पड़ रहा है।