ओला की कमाई का जरिया, ड्राइवर ने राइड कैंसल की तो भी कटेगा 50 रुपए

मुंबई– ऐप आधारित कैब सेवा देने वाली ओला ने कमाई का नया जरिया निकाला है। अगर आपने ओला की सेवा बुक की है और इसके ड्राइवर ने भी अगर आपकी बुकिंग को कैंसल की तो भी ओला आपसे 50 रुपए लेगी। अगर आपने शिकायत करने में देरी की तो ओला आपकी शिकायत भी नहीं सुनेगी।  

आमतौर पर ऐप आधारित कैब सेवा देनेवाली कंपनियां ग्राहकों से तब 50 रुपए का पेनाल्टी लेती हैं, जब वह बुकिंग को कैंसल कर दे। लेकिन हाल के एक मामले में जब इसके ड्राइवर ने बुकिंग कैंसल की तो इसने ग्राहक के अकाउंट में 50 रुपए की पेनाल्टी लगा दी। इसने कहा कि जब भी अगली बार ग्राहक बुकिंग करेगा, उसके अकाउंट से यह 50 रुपए ले लिया जाएगा। कंपनी ने ग्राहक को 50 रुपए की पेनाल्टी कैंसल करने से इसलिए मना कर दिया क्योंकि उसने शिकायत में देरी की।  

मामला 2 अप्रैल का है। एक ग्राहक ने मुंबई के लोअर परेल इलाके से कांदिवली के लिए बुकिंग की। ओला का ड्राइवर जब आया तो उसने ग्राहक से पूछा कहां जाना है। ग्राहक ने जब कांदिवली का नाम बताया तो ओला के ड्राइवर ने जाने से मना कर दिया। ड्राइवर ने कहा कि वह इतना लंबा नहीं जाएगा और उसने इस बुकिंग को कैंसल कर दिया।  

ग्राहक जब अगली बार 5 मई को दूसरी बार कहीं जाने के लिए ओला की कैब बुक करनी चाही तो ओला ने उसे बताया कि 50 रुपए की पेनाल्टी भी इसके साथ भरनी होगी। पेनाल्टी का हालांकि कारण यही बताया गया कि ग्राहक ने बुकिंग कैंसल की है जबकि हकीकत यह थी ओला के ड्राइवर ने बुकिंग कैंसल की। इसकी शिकायत जब ग्राहक ने ओला से की तो ओला ने कहा कि चूंकि मामले को एक महीने बीत गए हैं, इसलिए इस पर सुनवाई नहीं होगी और पेनाल्टी की रकम भरनी होगी।  

इस मामले में ओला को ईमेल किया गया, लेकिन ओला ने कोई जवाब नहीं दिया। दरअसल ऐप बुकिंग कंपनियां इसी तरह से ग्राहकों के अकाउंट से पैसे काट लेती हैं। शिकायत की जाती है तो वे अलग-अलग बहाने बना देती हैं। ओला भारत में 250 शहरों के साथ विश्व के कई अन्य देशों में भी यह सेवा देती है। यह रिक्शा, टैक्सी, दो पहिए वाहनों की भी सुविधा देती है।  

हालांकि पिछले कुछ सालों से ओला के ड्राइवर इससे खफा हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि कंपनी ने 2017 से ड्राइवरों को मिलने वाले इंसेंटिव में कमी कर दी है। इससे ड्राइवर्स की महीने की इनकम घट गई है। इससे ड्राइवर अपनी महीने की किस्त भी नहीं भर पा रहे हैं। ओला जैसी कंपनियां ड्राइवर्स से कई तरह के चार्ज अब ले रही हैं। इसकी आलोचना इसलिए भी होती है क्योंकि ये ड्राइवर्स को कर्मचारी नहीं मानती है। यह उन्हें कांट्रैक्ट के आधार पर रखती है।  

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