केयर्न एनर्जी से डरी सरकार, बैंकों को कहा विदेशों से पैसे निकाल लें
मुंबई– केंद्र सरकार ने सरकारी बैकों से विदेशी करेंसी खातों से पैसा निकालने को कहा है। सरकार को डर है कि रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स मामले में केयर्न एनर्जी बैंकों का पैसा जब्त कर सकती है। सरकार और केयर्न एनर्जी के बीच टैक्स को लेकर विवाद चल रहा है। इस मामले में दिसंबर 2020 में सिंगापुर की आर्बिट्रेशन कोर्ट ने केयर्न एनर्जी के हक में फैसला सुनाया था। कोर्ट ने भारत सरकार को 1.2 बिलियन की राशि इंटरेस्ट-पेनाल्टी के साथ केयर्न एनर्जी को देने का आदेश दिया था। इंटरेस्ट और पेनाल्टी के साथ यह रकम 1.4 बिलियन डॉलर हो जाती है।
केयर्न ने कहा है कि यदि भारत सरकार 1.4 बिलियन डॉलर की राशि का भुगतान नहीं करती है तो कंपनी उसकी विदेशों में स्थित संपत्ति को जब्त कर लेगी। इसमें बैंक खातों में जमा रकम भी शामिल है। इसके लिए कंपनी ने अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, नीदरलैंड, सिंगापुर और क्यूबेक की अदालतों में केस दायर किया है। हालांकि, सिंगापुर की आर्बिट्रेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ भारत सरकार ने अपील की है।
नॉस्ट्रो यानी विदेशी खातों से पैसा निकालने को लेकर वित्त मंत्रालय ने सभी सरकारी बैंकों को दिशा-निर्देश भेजे हैं। यह दिशा-निर्देश इस सप्ताह की शुरुआत में भेजे गए हैं। नॉस्ट्रो खाता उसे कहते हैं जिसमें एक बैंक पैसा अपना रखता है। यह खाता दूसरी बैंक के अधिकार क्षेत्र में आता है और इंटरनेशनल ट्रेड के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा फॉरेन एक्सचेंज ट्रांजेक्शंस के लिए भी इस खाते का इस्तेमाल होता है।
विदेशी बैंकों से पैसा निकालने के दिशा-निर्देशों को लेकर वित्त मंत्रालय ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, 12 सरकारी बैंकों में से एक बैंक से जुड़े बैंकर ने वित्त मंत्रालय से दिशा-निर्देश मिलने की पुष्टि की है। बैंकर के मुताबिक, सरकार को यह चिंता है कि केयर्न एनर्जी आर्बिट्रेशन कोर्ट के फैसले को लागू करने के लिए बैंकों का पैसा जब्त कर सकती है। बैंकर का कहना है कि हमारी संपत्ति सरकार की संपत्ति के समान मानी जाती है क्योंकि हम पर सरकार का स्वामित्व है।
फरवरी में केयर्न एनर्जी ने कहा था कि इस मुद्दे पर सरकार के साथ बातचीत चल रही है। केयर्न का कहना था कि कंपनी के शेयरहोल्डर्स के हित में वह इस मामले को आपसी सहमति से सुलझाने के लिए तैयार है। उधर, एक सरकारी अधिकारी का कहना है कि केयर्न एनर्जी के साथ थोड़ी बातचीत हुई है। लेकिन मंत्रालय के दिशा-निर्देशों से प्रतीत होता है कि सरकार संपत्ति के जब्त होने की संभावना को लेकर भयभीत है।

