टाटा मोटर्स के खिलाफ जांच का आदेश, CCI ने 45 पेज का जारी किया ऑर्डर

मुंबई– लीडिंग ऑटो कंपनी टाटा मोटर्स की दिक्कतें बढ़ सकती हैं। खबर है कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने इसके खिलाफ जांच का आदेश दिया है। 45 पेज के ऑर्डर में CCI ने यह आदेश दिया है। टाटा मोटर्स पर आरोप है कि वह बाजार में अपने एकाधिकार का गलत फायदा उठा रहा है। बीएसई पर आज कंपनी का शेयर 3.31 पर्सेंट बढ़कर 301 रुपए के ऊपर बंद हुआ है।  

आदेश के मुताबिक, टाटा मोटर्स के खिलाफ डीलरशिप एग्रीमेंट में बाजार में अपनी मजबूत स्थिति का कथित रूप से दुरुपयोग करने का आरोप है। CCI ने कहा कि टाटा मोटर्स बाजार की मजबूत स्थिति उठाते हुए कमर्शियल गाड़ियों के लिए डीलरशिप एग्रीमेंट में गलत नियम और शर्तें थोपी हैं, जो प्रतिस्पर्धा कानून की धारा के प्रावधानों का उल्लंघन है। देश के कमर्शियल व्हीकल्स सेगमेंट में टाटा मोटर्स की 40% से अधिक हिस्सेदारी है। 

टाटा मोटर्स के 2 डीलर्स ने CCI  के पास शिकायतें दर्ज कराई थी। इनकी शिकायत के मुताबिक, कंपनी उन पर गाड़ियों के वोल्युम और किसी खास टाइप ऑफ व्हील्स को स्टॉक करने का दबाव बना रही थी। साथ ही उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर कर रही है। CCI ने कहा कि टाटा मोटर्स, टाटा कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज और टाटा मोटर्स फाइनेंस के खिलाफ दो शिकायतें मिली हैं। इन्हीं शिकायतों के आधार पर जांच का आदेश दिया गया है। CCI ने अपनी जांच महानिदेश को विस्तार से करने को कहा है। इस जांच को 60 दिनों के भीतर पूरा करने को कहा गया है।  

डीलर्स ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्हें किसी नए बिजनेस शुरू करने, खरीदने या किसी नए प्रोडक्ट को बेचने से भई टाटा मोटर्स रोक रही है। यहां तक कि ऑटोमोबाइल बिजनेस से अलग भी कुछ अगर इस तरह का है तो इस पर भी टाटा मोटर्स रोक लगा रही है। CCI ने अपने आदेश में कहा कि कंपनी ने बाजार में अपनी मजबूत उपस्थिति का अनुचित फायदा उठाते हुए डीलर्स पर दबाव बनाया जो गलत है। टाटा ने एक जवाब में कहा है कि कंपनी ने कहा कि CCI की जो फाइडिंग्स हैं, वो फाइनल नहीं है।  

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