फिर से आपके लोन पर मिलेगी मोरेटोरियम की सुविधा, 31 सितंबर तक करना होगा अप्लाई

मुंबई– कोरोना की दूसरी लहर में एक बार फिर रिजर्व बैंक ने अचानक राहत पैकेज लाकर चौंका दिया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसी राहत पैकेज में अगर आपने बैंक से लोन लिया है तो उस पर मोरेटोरियम की सुविधा शुरू करने के लिए बैंकों से कहा है। हालांकि यह बैंकों के ऊपर है कि वे आपको इसका लाभ देंगे या नहीं और किस तरह देंगे, यह भी उन्हीं के ऊपर है। हम बताते हैं कि आपको इस मोरेटोरियम से कैसे मदद मिल पाएगी।  

आरबीआई ने महामारी के कारण देश भर में लॉकडाउन के कारण होने वाली दिक्कतों से उबरने के लिए 2 साल तक के लोन मोरेटोरियम की घोषणा पहली बार की थी। लोन लेने वाले वे लोग, जो पहले मोरटोरियम में इसका फायदा नहीं उठा पाए थे अब वे इस दूसरे ऑफर में फायदा उठा सकेंगे। पहले वाले अपने मोरटोरियम पीरियड को एक्सटेंड करा सकेंगे।  

व्यक्तियों और छोटे व्यवसायों और एमएसएमई जिनके पास 25 करोड़ रुपए तक का कुल एक्सपोजर है और जिन्होंने पहले के रिस्ट्रक्चरिंग से कोई लाभ नहीं उठाया है। जिन्हें 31 मार्च, 2021 तक स्टैण्डर्ड लोन के रूप में क्लासीफाई किया गया था, वे रिजोल्यूशन फ्रेमवर्क 2.0 के तहत इसके लिए योग्य होंगे। जिन लोगों ने पहली बार इसका फायदा उठाया है, उनको भी इसका लाभ मिलेगा।  

कई व्यक्तिगत कर्जदार हैं जिन्होंने इस लोन मोरेटोरियम का विकल्प पहली बार नहीं चुना। अब उन्हें अपने कर्ज चुकाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। रीपेमेंट पर कोई भी डिफ़ॉल्ट न केवल इंटरेस्ट और पेनाल्टी के मामले में खर्च बढ़ा देते हैं, बल्कि किसी की क्रेडिट हिस्ट्री को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। इससे भविष्य में मिलने वाले लोन में दिक्कतें आती हैं। जो भविष्य की साख (future creditworthiness) को कम करता है।  

चूंकि पिछले मोरेटोरियम के लिए आवेदन करने का समय दिसंबर 2020 में समाप्त हो गया था, इसलिए इन कर्जदारों के पास उस मोरेटोरियम का लाभ उठाने का कोई विकल्प नहीं बचा था। रिजर्व बैंक द्वारा घोषित नए मोरेटोरियम से उन्हें बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि वे अब दूसरे मोरेटोरियम का लाभ उठा सकते हैं। 

ध्यान रखें कि नए मोरेटोरियम का फायदा आपको तभी मिलेगा, जब 31 मार्च 2021 तक लोन चुकाने में आपने कोई डिफॉल्ट नहीं किया होगा। इससे पहले के लोन मोरेटोरियम में फेज 1 में 1 मार्च, 2020 से 30 मई 2020 तक 3 महीने के मोरेटोरियम का विकल्प चुनने की अनुमति दी गई थी। बाद में इसे 3 महीने बढ़ाकर 31 अगस्त 2020 कर दिया गया।  

रिज़र्व बैंक ने रिस्ट्रक्चरिंग के तहत मोरेटोरियम को 2 साल तक बढ़ाया था। यदि आपने 2020 में मोरेटोरियम का विकल्प चुना है, तो आप एक नया मोरेटोरियम प्राप्त करने के पात्र होंगे जिसके तहत आपके शेष अवधि को 2 साल तक बढ़ाया जा सकता है। बाकी सभी शर्ते हैं पहले जैसी ही रहेंगी। भारतीय रिजर्व बैंक ने कर्जदारों को 30 सितंबर, 2021 तक का समय दिया है ताकि वे अपने लोन के रिस्ट्रक्चरिंग के लिए बैंक से संपर्क कर सकें एक बार जब आप नए मोरेटोरियम के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंक को सभी शर्तों को पूरा करने पर 90 दिनों के भीतर इसे लागू करना होगा। 

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