अगले एक साल में दुनिया की आर्थिक स्थिति में होगी सुधार
मुंबई– देश में कई अहम इकोनॉमिक सेंटर पर आंशिक लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू के चलते आर्थिक गतिविधियां फिलहाल काफी घटी हैं, जिससे मौजूदा वित्त वर्ष में GDP ग्रोथ हालिया अनुमानों से कम रहने का अंदेशा हो रहा है। लेकिन देश के हर 10 में से 9 सीईओ यानी 88% टॉप एग्जिक्यूटिव का मानना है कि अगले 12 महीनों में दुनिया की आर्थिक स्थिति में पक्का सुधार होगा।
कंपनियां जिस रफ्तार से टेक्नोलॉजी को अपना रही हैं और बरसों में होने वाले ऐसे काम को महीनों में कर रही हैं, उनके सामने साइबर सिक्योरिटी बड़ी चिंता बनकर उभरना स्वाभाविक है। जहां तक एक्सपोर्ट मार्केट में ग्रोथ की बात है ज्यादातर इंडियन सीईओ की नजरें अमेरिका पर हैं। तेज ग्रोथ वाले एक्सपोर्ट मार्केट की लिस्ट में ब्रिटेन, चीन, बांग्लादेश, जर्मनी और UAE शामिल हैं। अमेरिका में भारी भरकम राहत पैकेज और कोविड को फैलने से रोकने के लिए इकोनॉमिक एक्टिविटी में रुकावट बनने वाले कदम कम उठाए जाने से निर्यातकों को काफी बढ़ावा मिलने वाला है।
कुछ समय से दुनियाभर के बाजारों में धीरे-धीरे रिकवरी का रुझान बना है। इसको देखते हुए CEO खपत में फिर से हो रही बढ़ोतरी का फायदा उठाने को तैयार हो गए हैं। कोविड के बीच उत्पादन क्षमता में सुधार होने से कंपनियों का प्रॉफिट मार्जिन बढ़ रहा है। इंडियन CEO इकोनॉमिक रिकवरी और अपनी कंपनी की प्रॉफिट ग्रोथ को लेकर आश्वस्त हैं। लेकिन वे कोविड के बाद की चुनौतियों से भी पूरी तरह वाकिफ हैं और उससे निपटने को तैयार हैं।
दुनियाभर के CEO पर कराए गए PWC के सर्वे के मुताबिक, कंपनियां नए बिजनेस मॉडल अपना रही हैं और तेजी से डिजिटलाइजेशन को अपना रही हैं। सर्वे में शामिल 93% इंडियन CEO ने डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर लंबे समय के लिए पैसे लगाने का मन बनाया हुआ है।
लगभग इतने ही यानी 90% सीईओ तीन साल में लीडरिशप और टैलेंट डेवलपमेंट में निवेश करने को तैयार हैं। इसके अलावा 88% इंडियन कंपनियों के CEO की प्राथमिकता सूची में लागत घटाना सबसे ऊपर है जबकि 80% एग्जिक्यूटिव साइबरसिक्योरिटी में निवेश पर जोर दे रहे हैं।