कुंभ से कोरोना का होगा विस्फोट, मरकज पर कार्रवाई हुई तो कुंभ क्यों चालू है?

मुंबई– देश में कोरोना की दूसरी लहर में उत्तराखंड का कुंभ मेला जबरदस्त योगदान कर सकता है। सोमवार को 35 लाख लोग यहां पर थे जबकि आज 20 लाख लोग जुटेंगे। ऐसे में कोरोना के नियमों का पालन करना मुश्किल है। पिछले साल दिल्ली में मरकज में केवल 2 हजार मुसलिमों को एक साथ पाने पर कार्रवाई हुई थी। कहा गया कि उनके जरिए ही कोरोना पूरे देश में फैला, जबकि कुंभ में लाखों की संख्या में लोग जुट रहे हैं। न तो मास्क है न दूरी है और एक साथ लोग नहा रहे हैं।

सोशल मीडिया पर कुंभ में जुटी भीड़ की सैकड़ों तस्वीरें शेयर हो रही हैं। लोग पूछ रहे हैं कि पिछले साल 10-12 मार्च को दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में जुटी जमात पर सरकार से लेकर जनता तक ने निशाना साधा था। उन्हें सुपर स्प्रेडर कहा गया था। तब्लीग के कार्यक्रम में 2,000 से भी कम लोग जुटे थे। जबकि कुंभ में लाखों लोग जुटे हैं, कोरोना के लिए जारी गाइडलाइन की धज्जियां सरेआम उड़ाई जा रही हैं, लेकिन इस बारे में ज्यादा बात भी नहीं हो रही है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एक बार फिर विवादों में हैं। इस बार उन्होंने कुंभ और कोरोना को लेकर बेतुका बयान दिया है। रावत ने कहा है कि कुंभ में मां गंगा की कृपा से कोरोना नहीं फैलेगा। साथ ही कहा है कि कुंभ और मरकज की तुलना करना गलत है। रावत के मुताबिक पिछले साल दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज से कोरोना बंद कमरे से फैला, क्योंकि वहां सभी लोग एक कमरे में थे, जबकि हरिद्वार में कुंभ क्षेत्र नीलकंठ और देवप्रयाग तक खुले वातावरण में है।

सोमवार के शाही स्नान में 35 लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए थे। इनमें से 18,169 लोगों की जांच हुई, जिनमें 102 संक्रमित मिले। प्रशासन का दावा है कि कुंभ क्षेत्र में उन्हीं श्रद्धालुओं को एंट्री दी जा रही है, जिनके पास RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट है। लेकिन जमीनी हकीकत अलग है। केंद्र सरकार पहले ही कह चुकी है कि कुंभ कोरोना का सुपर स्प्रेडर बन सकता है। राज्य को सावधानी रखनी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *