अब ऑटो पेमेंट नहीं होगा, रिजर्व बैंक ने बढ़ाया समय

मुंबई– अगर आपने भी अपने क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट या किसी सब्सक्रिप्शन रिन्युअल के लिए ऑटो डेबिट का ऑप्शन चुन रखा है तो 1 अप्रैल से आपको मुश्किल आ सकती है। इस दिक्कत की वजह है RBI की नई गाइडलाइंस। हालांकि RBI की गाइडलाइंस का अभी पूरी तरह पालन करना मुश्किल है जिसकी वजह से बैंक ने इसकी डेडलाइन 6 महीनों के लिए बढ़ा दी है। 

रिजर्व बैंक ने फैसला किया है कि नए फ्रेमवर्क को अपनाने के लिए बैंकों और ग्राहकों को 6 महीने का वक्त दिया जाएगा। अगर 6 महीने बाद भी फ्रेमवर्क का पालन पूरी तरह नहीं किया जाता है तो वह इससे सख्ती से निपटेगा। RBI ने कहा कि फ्रेमवर्क को पूरी तरह अपनाने के लिए 6 महीने का और वक्त इसलिए दिया जा रहा है क्योंकि कुछ बैंकों का कहना था कि इससे बड़े कस्टमर्स को दिक्कत हो सकती है और डिफॉल्ट का खतरा बढ़ सकता है। ग्राहकों को किसी तरह की कोई असुविधा ना हो इसलिए RBI ने 6 महीने के लिए डेडलाइन बढ़ा दी है। अब यह डेडलाइन 30 सितंबर 2021 को खत्म होगी। 

अगस्त 2019 में RBI ने ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए ई-मैनडेट्स प्रोसेस करने के लिए एक फ्रेमवर्क जारी किया था। शुरुआत में यह सिर्फ कार्ड्स और वॉलेट पर लागू था। जनवरी 2020 में इस फ्रेमवर्क का दायरा बढ़ाकर यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ट्रांजैक्शंस को भी शामिल कर लिया गया था। 

RBI ने कहा कि इस फ्रेमवर्क का मकसद है ग्राहकों को किसी तरह की धोखाधड़ी से बचाना। हालांकि बैंकिंग संगठनों ने इसकी डेडलाइन बढ़ाने की मांग की। इसके बाद इसकी डेडलाइन 31 मार्च 2020 कर दी गई थी। हालांकि बैंक अभी तक इस गाइडलाइंस को ठीक से फॉलो नहीं कर पाए हैं। लिहाजा RBI ने इसकी डेडलाइन 6 महीने के लिए बढ़ाकर 30 सितंबर 2021 कर दी है। 

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