9 करोड़ मिलेंगी टेंपरेरी नौकरियां, गिग अर्थव्यवस्था जोर पर

मुंबई– अगर आप टेंपरेरी काम खोज रहे हैं तो आपके लिए काफी सारी नौकरियां हैं। एक अनुमान के मुताबिक इस तरह की करीबन 9 करोड़ नौकरियां पैदा हो सकती हैं। इसे गिग इकोनॉमी कहा जाता है। मतलब की परमानेंट कर्मचारी की बजाय कुछ समय पर कर्मचारियों को रख कर काम कराया जाता है।  

कोरोना के बाद से इस तरह की नौकरियों की ऑफर कंपनियां कर रही हैं। देश की बड़ी म्यूचुअल फँड कंपनी निप्पोन असेट मैनेजमेंट कंपनी ने पिछले साल ही इस तरह की व्यवस्था की है। यानी उसके कर्मचारी चाहें तो वे घर से या कहीं से भी काम करें और इस तरह की गिग इकोनॉमी में आ जाएं। वे चाहें तो कई कंपनियों में साथ भी काम कर सकते हैं।  

बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) की रिपोर्ट के मुताबिक, इन नौकरियों के बल पर देश के सकल घरेलू उत्पाद यानी GDP में 1.25% की बढ़त हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार गिग अर्थव्यवस्था कोई नई धारणा नहीं है। बल्कि टेक्नोलॉजी के साथ इसे तेजी से अपनाया जा रहा है। कुछ साल पहले जब बिना नए रोजगार के वृद्धि की बात कही जा रही थी, तब सरकार ने अस्थायी तौर पर निर्मित होने वाले रोजगार की बात कही थी। इसमें कहा गया है कि कम समय से लेकर लंबे समय में कुशल, कम कुशल और साझा सेवा के क्षेत्र में करीब 3.5 करोड़ रोजगार पैदा हो सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार सर्वाधिक 7 करोड़ अस्थायी नौकरियां कंस्ट्रक्शन, मैन्युफैक्चरिंग, परिवहन और लॉजिस्टक व व्यक्तिगत सेवा क्षेत्रों में हैं। 

BCG ने यह अनुमान विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अध्ययन पर लगाया है। यह इसको लेकर 600 से अधिक शहरी परिवार के बीच सर्वे किया गया और उद्योग विशेषज्ञों की राय ली गई। लंबे समय में इस वजह से 250 अरब डॉलर का लेन-देन भी हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, 50 लाख रोजगार सेवा सेक्टर जैसे फैसिलिटी मैनेजमेंट, ट्रांसपोर्टेशन, और अकाउंटिंग में होंगे। 1.2 करोड़ रोजगार हाउसहोल्ड डिमांड से रोजगार आएगा। 3.7 करोड़ रोजगार बिना स्किल्ड वाले सेक्टर से आएगा। इसमें तमाम सेक्टर होंगे।  

गिग इकोनॉमी अगले 2 से 3 सालों में 10 लाख नए रोजगार का निर्माण कर सकती है। गिग वर्कर मूलरूप से युवा होते हैं और एक दिन में यह कुछ घंटे ही काम करते हैं। यह कम पढ़े-लिखे होते हैं। यह अपने घरों के लिए दूसरी इनकम के रूप में मदद करते हैं। भारत जैसे देश में इस तरह की इकोनॉमी के लिए काफी संभावनाएं हैं। आने वाले समय में ऐसी नौकरियां बड़े पैमाने पर मिल सकती हैं।  

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