सेबी ने 7 कंपनियों को 4.73 करोड़ रुपए लौटाने का आदेश दिया, साथ ही 12 पर्सेंट का ब्याज भी देना होगा
मुंबई– शेयर बाजार रेगुलेटर सेबी ने बाबा रामदेव की रुचि सोया कंपनी के शेयरों में बड़ी कार्रवाई की है। 7 कंपनियों को 4.73 करोड़ रुपए लौटाने का आदेश दिया है। यह रकम 45 दिनों के अंदर लौटानी होगी। इस पर 12 पर्सेंट की दर से ब्याज भी देना होगा।
सेबी ने शुक्रवार 59 पेज के ऑर्डर में यह जानकारी दी है। इस ऑर्डर में अवेंटिस बायोफीड्स, नवीन्य मल्टीट्रेड, यूनि 24 टेक्नो सोल्यूशंस, सनमेट ट्रेड, श्रेयांस क्रेडिट एंड कैपिटल, बेतुल ऑयल्स और बेतुल मिनरल्स शामिल हैं। इसमें अवेंटिस पर 89.92 लाख रुपए, नवीन्य को 1.09 करोड़ रुपए, यूनि24 पर 17.6 लाख रुपए, सनमेट को 67.2 लाख रुपए, श्रेयांस क्रेडिट एंड कैपिटल को 1.05 करोड़ रुपए, बेतुल ऑयल को 81.92 लाख रुपए और बेतुल मिनरल्स को 1.04 करोड़ रुपए लौटाने को कहा है।
सेबी ने आदेश में कहा कि 2 मई 2017 को उसने उपरोक्त सातों लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया। सेबी ने जांच में पाया कि यह सातों कंपनियां शेयरों में कारोबार के दौरान एक दूसरे से कनेक्टेड थीं। इसमें से पांच कंपनियां ऐसी थीं, जो शेयरों की कीमतों को बढ़ाने का काम करती थीं।
सेबी ने कुल 9 कंपनियों की जांच की। इनकी जांच 27 सितंबर 2012 के कारोबार के आखिरी आधे घंटों में खरीदी बिक्री के मामले में की गई। 27 सितंबर को कारोबार के आखिरी आधे घंटे में शेयर की कीमत अचानक बढ़ गई। साथ ही इसमें ट्रेडिंग की संख्या भी इसी तरह बढ़ी। 9 बजे जब एनएसई खुला तो उस समय शेयर की कीमत 73.80 रुपए थी। बंद होते समय यह 78.65 रुपए हो गई। हालांकि अंतिम 5 मिनट में शेयर की कीमत 87.40 रुपए पर चली गई।
सेबी ने कहा कि इसी तरह अंतिम आधे घंटे में 1.32 करोड़ शेयरों में ट्रेड हुए जो कि कुल ट्रेड शेयरों का 84.04 पर्सेंट था। सेबी ने जांच किया तो पाया कि शेयरों में 9 कंपनियों ने मिलकर मेनिपुलेशन किया। सेबी ने पाया कि इसमें से 5 कंपनियां ऐसी थीं जो रुचि सोया के शेयरों में लंबी पोजीशन रखती थीं। सातों कंपनियां वोल्यूम के आधार पर टॉप 10 क्लाइंट में थीं।
सेबी ने कहा कि जब शेयर 72 रुपए पर कारोबार कर रहा था, उस समय अवेंटिस ने 88 रुपए पर ऑर्डर किया। इसका मतलब अवेंडिस ने शेयरों की कीमतों को बढ़ाने के लिए ज्यादा भाव पर ऑर्डर किया। सेबी के आदेश के मुताबिक, यह सभी कंपनियां इसी तरह से शेयरों की कीमतें बढ़ाने और गिराने का काम कर रही थीं। इस दौरान कैश पोजीशन से सातों कंपनियों को 4.66 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
हालांकि फ्यूचर मार्केट से इनको 1.1 करोड़ रुपए का फायदा हुआ। सेबी ने कहा कि सातों ने फ्यूचर्स में लंबी पोजीशन लेकर अपने नुकसान को कम किया। यदि यह सब मेनिपुलेशन का काम नहीं करते तो इनको 11.48 करोड़ रुपए का घाटा होता। पर मेनिपुलेशन की वजह से उनका घाटा कम होकर 5.72 करोड़ रुपए हो गया।
सेबी ने जांच में पाया कि विजन मिलेनियम एक्सपोर्ट ने 6 कंपनियों के खातों में पैसे ट्रांसफर किए। इसमें से पांच कंपनियां एक ही मोबाइल नंबर का उपयोग करती थीं। इसी तरह से हर कंपनी एक दूसरी कंपनी को पैसे ट्रांसफर करती थी। फिर वहां से पैसा दूसरे के खाते में ट्रांसफर हुआ करता था। इसमें से कई कंपनियों का पता भी एक ही था। निलय कुमार डागा ही 6 कंपनियों के डायरेक्टर थे।
सेबी ने विजन का एक्सिस बैंक का स्टेटमेंट जब जांच किया तो पाया कि मई और जून 2012 में विजन ने 2.14 करोड़ रुपए अवेंटिस में ट्रांसफर किया। फिर इसमें से 1.60 करोड़ रुपए उसके खाते में वापस आ गए। इसी तरह बेतुल मिनरल्स के खातों में 10 ट्रांजेक्शन हुए। उसमें से 38.64 करोड़ रुपए निकाले गए। सेबी ने पाया कि विजन ने बड़े पैमाने पर पैसों का ट्रांसफर किया।
सेबी ने यह पाया कि इसमें से बेतूल आयल, बेतूल मिनरल्स, विजन सनमेट और एक कंपनी का एक ही मोबाइल नंबर था। सेबी ने यह पाया कि इन सभी ने मिलकर अलग तरीके से शेयरों में कारोबार किया और फिर इससे कुल 5.76 करोड़ रुपए इस शेयर में मेनिपुलेशन कर कमाए हैं।