सरकारी बैंकों को सरकार देगी 14,500 करोड़ रुपए

मुंबई– बैंकों की वित्तीय हालत सुधारने के लिए वित्त मंत्रालय उनमें 14,500 करोड़ रुपए का निवेश करेगा। यह पैसा मुख्यत: उन बैंकों को मिलेगा, जो भारतीय रिजर्व बैंक RBI के प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (PCA) के दायरे में हैं। अगले कुछ दिनों में ही बैंकों को सरकार से यह पैसा मिल जाने की उम्मीद है। 

अभी इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और UCO बैंक RBI के PCA फ्रेमवर्क के दायरे में हैं। PCA फ्रेमवर्क के दायरे में शामिल किए जाने वाले बैंकों पर कई तरह के प्रतिबंध लग जाते हैं। इनमें कर्ज देने, मैनेजमेंट कंपंशेसन और डायरेक्टर्स के फीस से संबंधित प्रतिबंध भी शामिल हैं। 

अगले कुछ दिनों में ही यह निवेश कर दिया जाएगा। इस राउंड के निवेश का सबसे ज्यादा लाभ उन बैंकों को मिलेगा, जो PCA फ्रेमवर्क के दायरे में हैं। निवेश से उन बैंकों को RBI की अतिरिक्त निगरानी से बाहर निकलने में मदद मिलेगी। ज्यादातर बड़े सरकारी बैंकों जैसे भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक ने पहले ही शेयरों के प्राइवेट प्लेसमेंट जैसे विभिन्न स्रोतों से फंड जुटा लिए हैं।  

सरकार ने 31 मार्च को समाप्त होने जा रहे इस कारोबारी साल में सरकारी बैंकों में निवेश के लिए 20,000 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की है। रेगुलेटरी मानकों को हासिल करने के लिए ये निवेश होने हैं। 12 सरकारी बैंकों में से पंजाब एंड सिंध बैंक को पिछले साल नवंबर में 5,500 करोड़ रुपए मिले थे। 

इस सप्ताह IDBI बैंक को RBI के PCA फ्रेमवर्क के दायरे से बाहर कर दिया, क्योंकि उसका वित्तीय हालत सुधर चुका है। RBI ने मई 2017 में IDBI बैंक को PCA फ्रेमवर्क के दायरे में रख दिया था। कैपिटल एडीक्वेसी, असेट क्वालिटी (मार्च 2017 में बैंक का नेट NPA 13% से ज्यादा हो चुका था), रिटर्न ऑन असेट्स और लीवरेज रेश्यो जैसे मानक पर पिछड़ने के कारण बैंक को PCA फ्रेमवर्क के दायरे में रखा गया था। 

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