राकेश झुनझुनवाला सेबी के साथ करेंगे सेटलमेंट, अप्टेक के शेयरों में इनसाइडर ट्रेडिंग का है मामला

मुंबई- शेयर बाजार के दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला सेबी के साथ सेटलमेंट करने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि अप्टेक के शेयरों में इनसाइडर ट्रेडिंग का आरोप उन पर है। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिन में इस पर सेबी ऑर्डर जारी कर सकता है।  

राकेश झुनझुनवाला पर मई से अक्टूबर 2016 के बीच अप्टेक शेयरों में इनसाइडर ट्रेडिंग का आरोप है। सेबी इसी मामले की जांच कर रहा है। अप्टेक में झुनझुनवाला और उनके परिवार की 49% हिस्सेदारी है। उनके सैकड़ों शेयरों के पोर्टफोलियो में यही एक मात्र कंपनी है जिसमें उनकी मालिकाना हिस्सेदारी है। उन्होंने इस कंपनी में पहली बार 2005 में 56 रुपए के भाव पर शेयर खरीदे थे। शुक्रवार को यह शेयर 216 रुपए के भाव पर बंद हुआ था। इस समय उनक एप्टेक के शेयरों की वैल्यू 421 करोड़ रुपए है।  

इनसाइडर ट्रेडिंग का मतलब कंपनी से जुड़ी गुप्त सूचनाओं के आधार पर शेयर की खरीदी या बिक्री करना है। उस कंपनी में आपकी हिस्सेदारी है या फिर उस कंपनी से आप जुडे हैं। आपको वह जानकारी है जिसके आधार पर आप शेयर की खरीदी या बिक्री नहीं कर सकते हैं। शेयर बाजार का रेगुलेटर सेबी है। राकेश झुनझुनवाला को भारत का वॉरेन बफे कहा जाता है। वे बाजार के सबसे बड़े निवेशक हैं।   

झुनझुनवाला इस मामले में सेबी के साथ सेटलमेंट करने पर मंजूर हो गए हैं। उनके अलावा इस मामले में और जो आरोपी हैं उनमें अप्टेक के बोर्ड सदस्य उत्पल शेठ, रमेश दमानी और मधु जयकुमार हैं। शेठ झुनझुनवाला की कंपनी रेयर में मुख्य वित्तीय अधिकारी हैं। झुनझुनवाला इससे पहले भी जियोमैट्रिक नाम की कंपनी के मामले में सेटलमेंट कर चुके हैं।

फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार, झुनझुनवाला की नेटवर्थ 3.3 अरब डॉलर है। वे देश के सबसे बड़े व्यक्तिगत निवेशक हैं। उन्होंने इंगलिश विंग्लिश फिल्म को प्रोड्यूस भी किया था। झुनझुनवाला के पिता इनकम टैक्स विभाग के अधिकारी रहे हैं। उन्होंने कॉलेज के दिनों से शेयर बाजार में निवेश की शुरुआत की थी। जब बीएसई सेंसेक्स 1985 में 150 अंक पर था, तब वे निवेश की शुरुआत किए थे।   

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