एलआईसी का आईपीओ और लंबा हुआ, अब अक्टूबर के बाद ही आ पाएगा
मुंबई– देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का आईपीओ और टल गया है। अब यह अक्टूबर के बाद ही आ पाएगा। डिपॉर्टमेंट ऑफ इंवेस्टमेंट एंड पब्लिक ऐसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सेक्रेटरी तुहिन कांता पांडेय ने LIC के IPO और BPCL से साथ Air India के स्टेक सेल की तिथि के बारे में जानकारी दी है।
DIPAM सेक्रेटरी ने कहा कि LIC का IPO अक्टूबर, 2021 के बाद आएगा। वहीं, BPCL और एयर इंडिया में स्टेक सेल की प्रकिया अगले वित्त वर्ष की पहली छमाही यानी सितंबर से पहले पूरी हो जाएगी। LIC और IDBI बैंक में हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए जरूरी विधायी मंजूरी के लिए फाइनेंस बिल यानी बजट 2021 के साथ ही लेजिस्लेटिव अमेंटमेंट संसद में पेश कर दिया है। इसके अलग से बिल नहीं आएगा, क्योंकि यह फाइनेंस बिल में ही शामिल कर दिया गया है।
केंद्र सरकार ने बजट में अगले वित्त वर्ष के लिए रिकॉर्ड कैपिटल एक्सपेंडिचर का टारगेट तय किया है, जिसमें खर्च होने वाली राशि सरकार PSUs के विनिवेश के जरिये जुटाएगी। केंद्र सरकार को पहले ही एयर इंडिया और BPCL को एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) यानी बिड्स प्राप्त हो चुके हैं। वहीं, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SCI) में सरकार की हिस्सेदारी खरीदने के लिए EoI जमा कराने की अंतिम तिथि 13 फरवरी, 2021 है।
DIPAM ने LIC के IPO से पहले कंपनी के वैल्यूएशन के लिए एक्चुअरियल फर्म Milliman Advisor को नियुक्त किया है। जबकि, Deloitte और SBI Capital को प्री-आईपीओ एडवाइजर नियुक्त किया गया है। आपको बता दें कि मोदी सरकार (Modi Government) कई चरणों में LIC में अपनी 25% हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। है। हालांकि, सरकार पहले चरण में 10 फीसदी हिस्सेदारी ही बेचेगी। उसके बाद अन्य हिस्सेदारी को कई राउंड में बेचने की योजना है। अभी के वैल्यूएशन के हिसाब से LIC में अपनी 25% हिस्सेदारी बेचने पर केंद्र सरकार को 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक मिल सकते हैं।
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पेश आम बजट में विनिवेश के जरिये 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। सरकार इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए अगले वित्त वर्ष में देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी LIC का IPO लेकर आएगी। इसके साथ ही सरकार की योजना शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SCI) और IDBI बैंक के साथ 2 अन्य PSU Banks में अपनी हिस्सेदारी बेचने की है।