बजट अच्छा रहा तो शेयर मार्केट 5% बढ़ सकता है, वर्ना इतनी ही गिरावट भी संभव
मुंबई- 50 हजार के पार सेंसेक्स की आगे की चाल कैसी रहेगी, यह बजट पर निर्भर है। विशेषज्ञों के अनुसार, हालांकि बजट से पॉजिटिव उम्मीदें हैं, पर किसी सेक्टर को लेकर अगर कुछ निगेटिव आया, तो बाजार में गिरावट आ सकती है। अगर बजट के बाद बाजार का रुख पॉजिटिव रहा तो यह मौजूदा स्तर से 5-8 पर्सेंट बढ़ सकता है। यानी सेंसेक्स 53 हजार तक जा सकता है। लेकिन असर पर निगेटिव रहा तो इसमें 5 पर्सेंट तक की गिरावट भी आ सकती है।
कैपिटल वाया के रोहित गाड़िया कहते हैं कि अभी सबसे बड़ा इवेंट बजट का है। इसलिए सावधानी बरतना जरूरी है। अभी तक की बाजार की तेजी लिक्विडिटी यानी कैश फ्लो पर आधारित है। लेकिन अब बाजार बजट के संकेतों पर चलेगा। वित्त मंत्री ने कहा है कि यह 100 साल में सबसे अलग बजट होगा। इसलिए बजट को बारीकी से देखना जरूरी है।
आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के इक्विटी रिसर्च के हेड नरेंद्र सोलंकी का मानना है कि आर्थिक सुधारों के लिए बजट में बड़ी घोषणा हो सकती है। लेकिन अगर कोई भी निराश करने वाला फैसला बजट में होता है तो बाजार पर उसका असर जरूर दिखेगा। इन्वेस्को म्यूचुअल फंड के इक्विटी के निवेश अधिकारी ताहेर बादशाह कहते हैं कि बाजार में अभी और तेजी बाकी है। सेंसेक्स पिछले 32 कारोबारी दिनों में 5 हजार अंक बढ़ा है। अप्रैल 1979 में यह 100 अंक पर था। इसका मतलब पिछले 42 सालों में सालाना 15.5% की दर से यह बढ़ा है।
वैसे केवल बाजार ही तेजी में नहीं है, निवेशकों की संख्या भी बढ़ी है। कुल रजिस्टर्ड निवेशकों की संख्या 6 करोड़ से ज्यादा हो गई है। एक साल में यह संख्या 27.37% बढ़ी है। सबसे ज्यादा निवेशक महाराष्ट्र से हैं। इनकी संख्या 1.3 करोड़ है। गुजरात में 78 लाख निवेशक हैं। विश्लेषक कहते हैं कि कम ब्याज दरों के कारण निवेशकों को एफडी जैसे फिक्स्ड इनकम में अच्छी ब्याज नहीं मिल रही है। इसलिए वे इक्विटी में आ रहे हैं।
निप्पोन इंडिया म्यूचुअल फंड में इक्विटी के मुख्य निवेश अधिकारी (सीआईओ) मनीष गुनवानी कहते हैं कि 50 हजार तो बस एक नंबर है। आगे इक्विटी में तेजी बनी रहेगी और निवेशकों को अच्छा फायदा होगा। एक्सिस म्यूचुअल फंड के प्रोडक्ट हेड अश्विनी पटनी कहते हैं कि अनेक निवेशकों ने बाजार की ऐतिहासिक तेजी में शामिल होने के अवसर को गंवा दिया है। अब भी देश की केवल 1% आबादी ही इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करती है। जबकि इस समय म्यूचुअल फंड के जरिए इक्विटी में निवेश का अच्छा समय है।