पासपोर्ट की ताकत के मामले में भारत 61 वें नंबर पर
मुंबई- कोविड-19 की वजह से दुनिया भर में लगे ट्रैवल बैन के चलते कम से कम तीन महीने लोगों का दूसरे देशों में जाना बंद रहा। इसको नजरअंदाज कर दें तो 2020 में जर्मनी सबसे ज्यादा देशों में वीजा फ्री एक्सेस के मामले में फिर अव्वल रहा। 1 से 77 तक की रैंकिंग वाले पासपोर्ट इंडेक्स के मुताबिक, वीजा फ्री एक्सेस के मामले में उसका पासपोर्ट सबसे मजबूत रहा है। जहां तक भारत की बात है तो ग्लोबल पासपोर्ट पावर रैंक 2021 में वह 61 पायदान पर जस का तस है। पिछले साल के मुकाबले उसके पासपोर्ट की ताकत घटी नहीं है।
वीजा फ्री एक्सेस के मामले में जर्मनी के बाद दूसरे नंबर पर स्वीडन, फिनलैंड और स्पेन रहे हैं। टॉप 10 रैंकिंग में एशिया के जापान और साउथ कोरिया पांचवें नंबर पर रहे हैं। जहां तक जर्मनी की बात है तो इसके पासपोर्ट होल्डर 99 देशों में बिना वीजा जा सकते है और 35 देशों में पहुंचने पर वीजा दे दिया जाता है। सिर्फ 64 देशों में जाने के लिए इनको पहले से वीजा लेना होता है।
भारत अपने पासपोर्ट की ताकत के मामले में 61वें पायदान पर भूटान, बेनिन, गैबन, अल्जीरिया और फिलीपींस जैसे देशों के साथ है। इंडियन पासपोर्ट पर 18 देशों में बिना वीजा जाया जा सकता है जबकि 34 देशों में पहुंचने पर वीजा मिल जाता है। भारतीय पासपोर्ट धारकों को 146 देशों में जाने के पहले से वीजा लेना होता है। इस रैंकिंग के हिसाब से जिस देश के नागरिकों को बिना वीजा सबसे कम देशों में जाने की इजाजत है वह है इराक।
अगर सुपर पावर्स की बात करें तो पासपोर्ट पावर रैंकिंग में सुपर पावर अमेरिका 19वें पायदान पर है। यहां के पासपोर्टहोल्डर्स को 62 देशों में बिना वीजा और 41 देशों में वीजा ऑन आइरवल की सुविधा मिली हुई है। लेकिन उनको 95 देशों में जाने के लिए पहले वीजा लेना होता है। रैंकिंग में चीन 52वें नंबर पर है जहां के पासपोर्ट धारकों को 137 देशों में जाने के लिए पहले से वीजा लेना होता है। चाइनीज पासपोर्टहोल्डर्स 25 देशों में वीजा फ्री एक्सेस है जबकि 36 देशों में वीजा ऑन अराइवल फैसिलिटी है। पड़ोसियों में सबसे कमजोर पासपोर्ट पाकिस्तान का है जो रैंकिंग में 74वें, नेपाल 72वें, बांग्लादेश 71वें और श्रीलंका 70वें नंबर पर है।