महाराष्ट्र में GST का 498 करोड़ का फर्जी लेन-देन का मामला पकड़ा गया,1 गिरफ्तार

मुंबई- GST इंटेलीजेंस के महानिदेशालय ने 498.50 करोड़ रुपए के फर्जी लेन-देन का मामला पकड़ा है। कुल 26 कंपनियों या व्यक्तियों ने इसे मिलकर अंजाम दिया है। इसमें 1 व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। यह मामला महाराष्ट्र का है।  

जीएसटी इंटेलीजेंस के महानिदेशालय (DGGI) ने बताया कि इस लेन-देन में फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का मामला भी है। यह करीबन 12.78 करोड़ रुपए का है। हालांकि यह रकम जगह पर ही नकदी पकड़ ली गई है। DGGI की ओर से जारी प्रेस बयान के मुताबिक, फर्जी बिलों के खिलाफ चलाए गए अभियान के तहत यह मामला सामने आया है।  

DGGI के अधिकारियों द्वारा कई जगहों पर इस तरह का सर्च किया गया था। यह सर्वे इंडस्ट्रियल सेक्टर में पिछले पखवाड़े किया गया था। इसमें में यह सब जानकारी सामने आई है। जांच के दौरान यह पाया गया कि ढेर सारी कंपनियों ने टैक्स वाले सामानों की ज्यादा वेराइटी को छिपाने का काम किया है। इसमें सुपारी से लेकर कोयला, टेक्सटाइल्स लोहे और स्टील के प्रोडक्ट भी शामिल हैं।  

जांच में ढेर सारी कंपनियां ऐसी पाई गई जो या तो हैं ही नहीं या फिर वे उस बिजनेस में नहीं हैं। इन सभी कंपनियों ने फर्जी और बनाए गए डॉक्यूमेंट को सबमिट किया। इसमें इलेक्ट्रिसिटी बिल और किराए के एग्रीमेंट हैं जो जीएसटी पोर्टल पर बिजनेस के प्रूफ के रूप में अपलोड किए गए।  

DGGI ने बताया कि यह सभी इनपुट टैक्स क्रेडिट बिना किसी सामान के रसीद के ले रहे थे। यह सभी फर्जी तरीके से इसका दावा कर रहे थे। कुल फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट में से 89.73 करोड़ रुपए गलत पेपर पर वसूले गए। इसमें से 12.78 करोड़ रुपए की हालांकि जगह पर ही वसूली कर ली गई है। जिस व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, उससे पूछताछ जारी है।  

जीएसटी के नागपुर जोन के अधिकारियों ने इस पूरे मामले में निगरानी की। बता दें कि जीएसटी के फर्जी इनपुट क्रेडिट टैक्स के मामले में आज ही इनकम टैक्स विभाग ने फ्लिपकार्ट और स्विगी के दफ्तर पर छापे मारे हैं। दरअसल बड़े पैमाने पर देश भर में फर्जी इनपुट क्रेडिट टैक्स का मामला जोरों से चल रहा है। फर्जी बिल और फर्जी कंपनियां दिखाकर इस तरह की वसूली की जा रही है। दिसंबर में जीएसटी का कलेक्शन 1.15 लाख करोड़ रुपए रहा है। यह अब तक का रिकॉ़र्ड रहा है। जीएसटी कलेक्शन में यह उछाल इसी फर्जी बिलों और इनपुट क्रेडिट को रोकने से आया है।  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *