बिजनेस साइकल की थीम में करना चाहते हैं निवेश तो आपके लिए आ गया है ICICI प्रूडेंशियल का NFO
मुंबई– अगर आप म्यूचुअल फंड के या बाजार के निवेशक हैं तो आपके लिए बिजनेस साइकल की थीम में निवेश करने का मौका मिला है। देश की बड़ी म्यूचुअल फंड कंपनियों में से एक ICICI प्रूडेंशियल ने इसी थीम पर नए फंड ऑफर (NFO) को लांच किया है। यह NFO 29 दिसंबर को खुलेगा और 12 जनवरी को बंद होगा।
यह एक ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम है जो बिजनेस की थीम का पालन करती है। यह स्कीम इक्विटी और इक्विटी से जुड़ी सिक्योरिटीज में निवेश कर लंबी अवधि में एक अच्छे कॉर्पस को तैयार करती है। यह फंड अलग-अलग सेक्टर्स में डायनॉमिक आवंटन के जरिए बिजनेस साइकल पर अपना फोकस रखेगा।
ICICI प्रूडेंशियल AMC के MD और CEO निमेश शाह ने कहा कि शेयर बाजार में रिटर्न आम तौर पर अलग-अलग बिजनेस चक्र के चरणों से प्रभावित होते हैं। किसी खास बिजनेस चक्र में चार अलग-अलग चरण हो सकते हैं। इसमें- ग्रोथ, मंदी, गिरावट और रिकवरी। सभी चरण अलग होते हैं लेकिन प्रमुख चरणों की पहचान और उन्हें निवेश के नजरिये से विश्लेषित किया जाए तो सकारात्मक निवेश अनुभव हासिल करने में मदद मिल सकती है।
ICICI प्रूडेंशियल बिजनेस साइकिल फंड टॉप-डाउन रुख अपनाएगा। इसमें मैक्रो इंडिकेटर पर निगरानी (अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों) और सही थीम/सेक्टरों के चुनाव और इनमें शेयरों का चुनाव कर बिजनेस चक्र की पहचान की रणनीति अपनाई जाएगी। कोई मौजूदा बिजनेस चक्र कितने दिनों तक चलेगा या फिर कितनी जल्दी खत्म हो जाएगा यह मैक्रो इकोनॉमिक हालातों पर निर्भर करेगा। साथ ही यह बिजनेस चक्र के दौरान सरकार की राजकोषीय नीति और रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति पर निर्भर करेगा। ऐसे में निवेश का अच्छा मौका आपको मिल सकता है।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल बिजनेस साइकिल फंड अलग-अलग तरीके से काम करता है। यह मैक्रो (अर्थव्यवस्था के) हालातों पर फोकस करता है। इससे निवेशकों की पहुंच किसी भी समय उन सेक्टर्स तक होती है जो आकर्षक दिख रहे हैं। इस रणनीति से उन सेक्टर्स में डाइवर्सिफिकेशन का लक्ष्य भी हासिल करने में मदद मिलती है।
आईसीआईसीआई म्यूचुअल फंड के पास भारत की सबसे बड़ी और अनुभवी टीमों में से एक है। इसके ईडी और सीआईओ एस नरेन इसका नेतृत्व करते हैं, जो मैक्रो हालातों और मार्केट साइकिल पर अपने कॉल के लिए जाने जाते हैं। स्कीम का प्रंबधन अनीश तवाकले, इहाब दलवई और मनीष बांठियां करेंगे।
पिछले दस सालों में आसान मॉनिटरी पॉलिसी और ब्याज दरों में कटौती से उतार-चढ़ाव कम रहा है। यह इक्विटी के लिए एक असेट क्लास के रूप में और लंबी अवधि के स्कीम के लिए पॉजिटिव रहा है। हालांकि आने वाला दशक रेट कट के लिए एक सीमित अवसर वाला हो सकता है। ऐसे समय में इस तरह की बिजनेस साइकल की थीम अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं।