शहद को लेकर डाबर और मैरिको में विज्ञापन के जरिए लड़ाई
मुंबई-एफएमसीजी सेक्टर की दो प्रतिद्वंदी कंपनियों डाबर और मैरिको के बीच शहद की शुद्धता को लेकर विज्ञापनबाजी शुरू हो गई है। दोनों में शहद उत्पादों को लेकर विज्ञापन युद्ध छिड़ गया है। इससे दोनों कंपनियां एक दूसरे के विज्ञापनों को झूठा साबित करने में लगी हैं। मैरिको ने एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड काउसिंग ऑफ इंडिया में शिकायत दर्ज कराई है। डाबर भी विज्ञापन नियामक से मैरिको के सफोला शहद के नमूनों के बारे में शिकायत दर्ज कराने की सोच रही है।
यह विज्ञापन सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) के उस रिपोर्ट के बाद शुरु हुआ है जिसमें बताया गया है कि डाबर, पतंजलि, बैद्यनाथ, झंडू, हितकारी और एपीआईएस हिमालया सहित शहद के दस ब्रांड शुगर सिरप की मिलावट कर रहे हैं। ये सभी न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेइंस स्पेक्ट्रोस्कोपी (एनएमआर) टेस्ट में फेल हो गए। सीएसई की रिपोर्ट को इन ब्रांड्स ने हालांकि नकार दिया है।
मैरिको के प्रवक्ता ने कहा कि मैरिको ने 3 दिसंबर को एएससीआई के पास शिकायत दर्ज कराई। इसमें डाबर के इस दावे को चुनौती दी गई है कि डाबर हनी ने एनएमआर टेस्ट पास कर लिया है। शिकायत को एएससीआई ने स्वीकार कर लिया है और आगे की सुनवाई के लिए रिकार्ड में ले लिया है।
कंपनी ने अपने उत्पाद डाबर हनी के लिए एनएमआर में जांच की गई शुद्ध शहद के मैरिको के दावे के खिलाफ एएससीआई के पास अक्टूबर में एक इंट्रा इंडस्ट्री शिकायत दायर की थी। इस दावे को एएससीआई ने बरकरार रखा था। डाबर ने यह भी कहा कि यह मैरिको के खिलाफ शिकायत दर्ज कर रहा है। क्योंकि सफोला हनी सैंपल एनएमआर टेस्ट में फेल रहा है। एनएमआर टेस्ट पर उनका दावा ग्राहकों को गुमराह कर रहा है।
डाबर ने कहा कि उसने स्वेच्छा से एनएमआर परीक्षण समय-समय पर कराने के अलावा एसएमआर सहित सभी 22 एफएसएसएआई-अनिवार्य परीक्षणों को पास कर लिया है। डाबर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि यही कारण है कि डाबर हनी दुनिया का सबसे बड़ा बिकने वाला शहद ब्रांड है, जो सभी यूरोपीय और अमेरिकी नियमों पर खरा उतरता है। यह दुनिया भर के 15 से अधिक देशों में बेचा जा रहा है।