मिरै असेट ने लांच किया मिरै असेट बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज एनएफओ
मुंबई- मिरै असेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स इंडिया ने मिरै असेट बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज फंड लॉन्च किया है। यह एक ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम है जो बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा क्षेत्र में निवेश करती है। यह नया एनएफओ सब्सक्रिप्शन के लिए 25 नवंबर को खुला है और 4 दिसंबर को बंद होगा। इस स्कीम में न्यूनतम निवेश 5,000 रुपये और उसके गुणकों में किया जा सकता है। यह स्कीम लगातार बिक्री और पुनर्खरीद के लिए 14 दिसंबर 2020 को फिर खुलेगी।
फंड की मुख्य विशेषताएं
- यह फंड भारत में लिस्टेड बैंकों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, निजी बैंकों, विदेशी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में निवेश करेगा।
- यह फंड एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs), लाइफ इंश्योरेंस और नॉन-लाइफ बीमा कंपनियों, ब्रोकिंग कंपनियों, रेटिंग एजेंसियों, एक्सचेंज, वेल्थ मैनेजमेंट कंपनियों, नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) माइक्रोफाइनेंस कंपनियों और फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी कंपनियों में भी निवेश कर सकता है।
- इस फंड का लक्ष्य हाई ग्रोथ रेट हासिल करने वाली कंपनियों की पहचान करना है, जिनका रिटर्न रेश्यो ऊंचा हो, साथ ही जो टिकाऊ हों।
- फंड का लक्ष्य मजबूत ग्रोथ वाली कंपनियों का पोर्टफोलियो तैयार करना है।
- इस फंड में सभी तरह के मार्केट कैप वाली कंपनियों में निवेश की फ्लेक्सिबिलिटी होगी। टॉप 250 कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन का करीब 30 फीसदी हिस्सा वित्तीय कंपनियों का होता है।
भारत में 19 फीसदी की ऊंची बचत दर के बावजूद (दुनिया में यह औसतन 9 फीसदी ही है) अभी अंडरबैंक्ड यानी कम लोगों तक बैंकिग सेवाओं की पहुंच वाला देश माना जाता है। जिसमें अभी विस्तार की काफी गुंजाइश है। भारत में वित्तीय क्षेत्र, एएमसी, जीवन बीमा, पूंजी बाजार जैसे सभी श्रेणियों में ग्रोथ की जबरदस्त संभावना है। कैपिटल के मामले में भारतीय बैंकों की स्थिति में पिछले कुछ साल में मजबूती आई है। वित्त वर्ष 2020 में उनकी टियर 1 पूंजी 13 फीसदी रही, जबकि नियामक जरूरत सिर्फ 9.25 फीसदी की है।
कंपनी के CEO स्वरूप मोहंती का कहना है कि बैंकिंग एवं वित्तीय क्षेत्र का साइज न केवल बहुत बड़ा है, बल्कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था का सबसे डाइवर्सिफाई क्षेत्र भी है। पिछले 2-3 दशकों में इस सेक्टर ने संबंधित कारोबार जैसे एनबीएफसी, बीमा, एएमसी का विस्तार किया है। सरकार को उम्मीद है कि अगले कुछ साल में भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़कर 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचेगी। इससे BFSI, जो अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, इस तरक्की में प्रमुख इंजन हो सकता है।
मिरे एसेट इनवेस्टमेंट मैनेजर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के CIO नीलेश सुराणा का कहना है कि हम बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा क्षेत्र को लेकर सकारात्मक बने हुए हैं। एक संगठित अर्थव्यवस्था की ओर बदलाव और दीर्घकालिक रूप से फाइनेंशियल एसेट अपनाने से तरक्की के अच्छे रास्ते खुलेंगे।