एंजल ब्रोकिंग की म्युचुअल फंड्स के लिए यूपीआई ऑटोपे की पेशकश, यह सुविधा देने वाला पहला ब्रोकरेज हाउस बना

मुंबई: स्टॉक ब्रोकिंग और म्युचुअल फंड इंडस्ट्री में अपनी डोमेन लीडरशिप को मजबूती देते हुए एंजल ब्रोकिंग ने म्युचुअल फंड्स के यूपीआई ऑटोपे के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) से मंजूरी हासिल की है। अपनी तरह की इस पहली सुविधा ने ई-मैंडेट ऑथेंटिकेशन के समय को घटाकर एक मिनट से भी कम करते हुए प्रक्रिया को सरल बना दिया है। इसने ई-मैंडेट ऑथेंटिकेशन लागत भी खत्म कर दी है और इसके मैनेजमेंट को टच-ऑफ-अ-बटन अनुभव के साथ संभव बनाया है। 

एंजल ब्रोकिंग लिमिटेड के सीईओ विनय अग्रवाल ने कहा, “आज भारत तेजी से डिजिटल तकनीक को अपना रहा है। एंजल ब्रोकिंग इस विकास में तेजी लाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। हमने भारतीय स्टॉक ब्रोकिंग स्पेस में कई इनोवेशन किए हैं और हम इस नई सुविधा को शुरू करने में गर्व महसूस करते हैं। एसआईपी के लिए यूपीआई ऑटोपे का शुभारंभ ई-मैंडेट रजिस्ट्रेशन में कई अड़चनों को दूर करेगा। हम इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए एनपीसीआई के प्रति अपना हार्दिक आभार प्रकट करना चाहेंगे। ” 

यह विकास म्युचुअल फंड इकोसिस्टम में मजबूत मूल्य जोड़ता है क्योंकि यूपीआई के पास ग्राहकों का एक बड़ा बेस है, जिससे यूपीआई ऑटोपे एसआईपी ग्राहकों के लिए एक आसान विकल्प हो जाता है। यह आगे एनएसीएच मैंडेट के रजिस्ट्रेशन और कॉलिंग को टच-ऑफ-द-बटन अनुभव के साथ सहज बनाता है, जो एसआईपी के लिए ई-मैंडेट ऑथेंटिकेशन के समय को घटाकर कुछ सेकंड में बदल देता है। 

एंजल ब्रोकिंग लिमिटेड के सीएमओ प्रभाकर तिवारी ने कहा, “एंजल ब्रोकिंग की यूपीआई ऑटोपे सुविधा कई चेक्स के साथ आती है, जिन्हें सभी रेगुलेटरी गाइडलाइंस का पालन करने की आवश्यकता होती है। मुख्य रूप से ई-मैंडेट में थर्ड-पार्टी पेमेंट वैलिडेशन है और ऑथेंटिकेशन प्रोसेस को सरल बनाया गया है। उदाहरण के लिए कोई भी ई-मैंडेट केवल निवेशक के बैंक खाते के लिए जारी किया जा सकता है। इस वजह से यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के खाते के लिए ई-मैंडेट बनाता है, भले ही वह स्वीकृत हो जाए, तो हमारा सिस्टम स्वतः ही इसे रद्द कर देता है। ऐसे फीचर हमारे सभी निवेशकों को सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत प्रदान करता है। 

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