फ्रैंकलिन DSP को, इन्वेस्को सुंदरम को, आईप्रू एचडीएफसी को और LIC MF मोतीलाल ओसवाल को छोड़ेगी पीछे

मुंबई- पिछले एक साल में म्यूचुअल फंड के असेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) में आए भारी बदलाव के चलते कुछ म्यूचुअल फंड कंपनियां अगली तिमाही में अपनी प्रतिद्वंदी कंपनी से पीछे हो सकती हैं। इसमें फ्रैंकलिन टेंपल्टन जहां DSP को पीछे छोड़ सकती है, वहीं इन्वेस्को एएमसी सुंदरम को पीछे छोड़ सकती है। टाटा जहां L&T एएमसी को पीछे छोड़ने के करीब है वहीं LIC MF मोतीलाल ओसवाल को पीछे छोड़ देगी। 

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एंफी) के आंकड़े बताते हैं कि 2019 के सितंबर से 2020 की सितंबर तिमाही में कंपनियों के AUM में भारी बदलाव आया है। आदित्य बिरला म्यूचुअल फंड का एयूएम इसी अवधि में 2.53 लाख करोड़ से घटकर 2.38 लाख करोड़ रुपए हो गया है। एक्सिस का एयूएम 1.05 लाख करोड़ से बढ़कर 1.56 लाख करोड़ रुपए हो गया है। इसने यूटीआई को पीछे छोड़ दिया है जिसका एयूएम 1.55 लाख करोड़ रुपए रहा है।  

इसी तरह से एलआईसी म्यूचुअल फंड का एयूएम 15,467 करोड़ से बढ़कर 18 हजार करोड़ रुपए हो गया है। यह कैनरा रोबैको को पीछे छोड़ सकती है। कैनरा रोबैको का एयूएम 16,540 से बढ़कर 19 हजार 855 करोड़ रुपए हो गया है। फ्रैंकलिन टेंपल्टन का एयूएम 1.24 लाख करोड़ से घटकर 79 हजार 197 करोड़ रुपए हो गया है। यह डीएसपी के 82 हजार 285 करोड़ रुपए से मामूली कम है। इसलिए डीएसपी अगली तिमाही में इससे पीछे हो सकता है।  

टॉप 3 कंपनियों में शामिल आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड का एयूएम 12 हजार करोड़ बढ़कर 3.60 लाख करोड़ रुपए हो गया है। इसी दौरान एचडीएफसी म्यूचुअल फंड का एयूएम घटा है। यह 3.76 लाख करोड़ से घटकर 3.75 लाख करोड़ रुपए हो गया है। यानी आईसीईआसीआई प्रूडेंशियल एचडीएफसी एएमसी को पीछे छोड़ने की रेस में है।  

इन्वेस्को का एयूएम 23 हजार 542 करोड़ से बढ़कर 27 हजार 104 करोड़ रुपए हो गया है। यह सुंदरम म्यूचुअल फंड को पीछे छोड़ सकती है। सुंदरम का एयूएम 30 हजार 613 करोड़ से घटकर 28 हजार करोड़ रुपए पर आ गया है। कोटक महिंद्रा म्यूचुअल फंड निप्पोन को पीछे छोड़ने के करीब है। कोटक का एयूएम जहां 1.68 लाख करोड़ से बढ़कर 1.91 लाख करोड़ हो गया वहीं निप्पोन का 2 लाख करोड़ ही दोनों साल में रहा है।  

टाटा म्यूचुअल फंड एलएंडटी को पीछे छोड़ सकता है। टाटा का एयूएम 49 हजार 646 से बढ़कर 56 हजार 457 करोड़ हो गया, वहीं एलएंडटी की 69 हजार 213 करोड़ से घटकर 63 हजार 104 करोड़ रुपए हो गया है। एलआईसी म्यूचुअल फंड मोतीलाल ओसवाल को टक्कर देने की तैयारी में है। इसका एयूएम 15 हजार 467 करोड़ से बढ़कर 18 हजार करोड़ रुपए हो गया है। जबकि मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड का एयूएम 18 हजार 934 से बढ़कर 20 हजार 700 करोड़ रुपए हो गया है।  

एक साल में जिन कंपनियों के एयूएम में सबसे ज्यादा बढ़त हुई है उसमें एसबीआई म्यूचुअल फंड है। इसका एयूएम 1 लाख करोड़ रुपए बढ़कर 4.21 लाख करोड़ हो गया है। एक्सिस का 51 हजार करोड़ जबकि कोटक महिंद्रा का एयूएम 23 हजार करोड़ बढ़ा है। आईडीएफसी का 20 हजार करोड़ बढ़ा है।  

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