रिलायंस कैपिटल ने 5 कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने के लिए टेंडर जारी किया
मुंबई- रिलायंस कैपिटल अपनी 5 सब्सिडियरीज में हिस्सेदारी बेचेगी। इसमें प्रमुख रूप से रिलायंस जनरल इंश्योरेंस और रिलायंस निप्पोन लाइफ इंश्योरेंस के साथ अन्य कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने के लिए टेंडर जारी किया गया है। हिस्सेदारी को बेच कर कंपनी अपना कर्ज चुकाएगी। कंपनी के ऊपर करीबन 20 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है।
बता दें कि रिलायंस कैपिटल अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप (एडीएजी) की कंपनी है। सूत्रों के मुताबिक रिलायंस कैपिटल ने इस मामले में एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (EOI) जारी किया है। इस EOI को रिलायंस कैपिटल की सभी सब्सिडियरीp जैसे रिलायंस जनरल, रिलायंस निप्पोन, रिलायंस सिक्योरिटीज, रिलायंस फाइनेंशियल और रिलायंस असेट रिकंस्ट्रक्शन के लिए जारी किया गया है। इन कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने के लिए डिबेंचर होल्डर्स और डिबेंचर ट्रस्टी की कमिटी को प्रोसेस करने के लिए कहा गया है। कंपनी की योजना रिलायंस जनरल इंश्योरेंस से पूरी तरह निकलने की योजना है। इसका पेड अप कैपिटल सितंबर 2020 तक 252 करोड़ रुपए रहा है। इसके साथ ही रिलायंस निप्पोन लाइफ में भी कंपनी 51% हिस्सेदारी बेचेगी।
रिलायंस निप्पोन लाइफ इंश्योरेंस जापान की निप्पोन लाइफ और रिलायंस के साथ ज्वाइंट वेंचर में है। इसमें निप्पोन की 49% हिस्सेदारी है। इसका पेड अप कैपिटल 1,196 करोड़ रुपए 30 सितंबर तक रहा है। 30 सितंबर 2020 तक इस लाइफ इंश्योरेंस कंपनी का असेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 21 हजार 912 करोड़ रुपए रहा है। 2019-20 में इसका शुद्ध फायदा 35 करोड़ रुपए रहा है। कंपनी की योजना ब्रोकिंग फर्म रिलायंस सिक्योरिटीज और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) रिलायंस फाइनेंशियल में 100% हिस्सेदारी बेचने की योजना है। रिलायंस फाइनेंशियल मुख्य रूप से पैसों की उधारी देने का काम करती है।
योजना के मुताबिक रिलायंस कैपिटल रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस से भी निकलना चाहती है। साथ ही यह कई और पीई कंपनियों से भी निकलना चाह रही है। इसके अतिरिक्त रिलायंस असेट रिकंस्ट्रक्शन में यह 49% हिस्सेदारी बेचेगी। 20 सितंबर तक इसका पोर्टफोलियो 1,996 करोड़ रुपए था। इसकी 20 % हिस्सेदारी इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (ICEX) में है। SBI कैपिटल मार्केट्स और JM फाइनेंशियल सर्विसेस इस पूरी हिस्सेदारी को बेचने की प्रक्रिया में शामिल हैं। ग्रुप के ऊपर 19 हजार 805 करोड़ रुपए का कर्ज है। इसमें अगस्त 2020 तक का ब्याज भी शामिल है। जुलाई में कंपनी ने कहा था कि वह उधारी देनेवालों के रिपेमेंट में फेल हो गई थी। इसे जून तिमाही में काफी घाटा हुआ था।