भारत सहित कई देशों की जीडीपी से बड़ा एंट ग्रुप के आईपीओ को मिला 220 लाख करोड़ रुपए का सब्सक्रिप्शन
मुंबई– चीन की अलीबाबा ग्रुप की फाइनेंशियल सर्विसेस कंपनी एंट के आईपीओ ने कई रिकॉर्ड तोड़े हैं। इसके आईपीओ को 3 लाख करोड़ डॉलर यानी 220 लाख करोड़ रुपए का आवेदन मिला है। कंपनी का शेयर हांगकांग और शंघाई में 5 नवंबर से कारोबार करना शुरू कर देगा।
आंकड़ों के मुताबिक यहां जिस तरह से आईपीओ को रिस्पांस मिल रहा है, उससे ब्रोकरेज हाउसेस का प्लेटफॉर्म क्रैश हो गया है। ब्रोकरेज हाउस इन ऑर्डर को संभाल नहीं पा रहे हैं। इस आईपीओ की प्रमुख पांच बातों पर ध्यान दें तो काफी चौंकाने वाले आंकड़े सामने आ रहे हैं। पहले तो इसका वैल्यूएशन 3.15 लाख करोड़ डॉलर है। यानी यह भारत की जीडीपी से भी बड़ा है। भारत की जीडीपी 216 लाख करोड़ रुपए है। इजिप्ट के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 303 अरब डॉलर और फिनलैंड की 269 अरब डॉलर की जीडीपी से ज्यादा है। एंट ग्रुप अब तक का ऐतिहासिक रूप से दुनिया का सबसे बड़ा आईपीओ है।
इससे पहले सउदी अरामको ने दुनिया का सबसे बड़ा आईपीओ दिसंबर 2019 में लाया था जो 29.4 अरब डॉलर का था। उससे पहले एंट की पैरेंट कंपनी अलीबाबा ने 2014 में 25 अरब डॉलर की रकम जुटाई थी। वह सबसे बड़ा आईपीओ उस समय का था। एंट ग्रुप के वैल्यूएशन को देखें तो यह जेपी मोर्गन और बैंक ऑफ अमेरिका से भी बड़ा है। एंट पे-पल होल्डिंग और वॉल्ट डिज्नी से भी बड़ा आईपीओ ला रहा है। वॉल्ट डिज्नी 232 अरब डॉलर की वैल्यूएशन पर है। यह आईबीएम से भी बड़ा यह आईपीओ है।
जैक मा ने अलीबाबा को 60 हजार डॉलर की रकम से शुरू किया था। वे दुनिया के 11 वें अमीर बिजनेसमैन हैं। जैक मा के पास एंट ग्रुप में 8.8 पर्सेंट की हिस्सेदारी है जो व्यक्तिगत रूप से सबसे ज्यादा होल्डिंग है। उनके होल्डिंग का वैल्यूएशन 27.4 अरब डॉलर है।
एंट के इस आईपीओ में संस्थागत निवेशकों ने 76 अरब शेयरों के लिए अप्लाई किया है। यह आईपीओ की साइज की तुलना में 284 गुना ज्यादा है। रिटेल निवेशकों ने एंट ग्रुप कंपनी लिमिटेड के शेयरों में 3 लाख करोड़ डॉलर (220 लाख करोड़ रुपए) के लिए आवेदन किया है। यह दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ है। एंट दरअसल दो शेयर बाजारों में एक साथ लिस्टिंग करेगी। इसमें एक हांगकांग बाजार और दूसरा शंघाई शेयर बाजार है। इसके लिए कंपनी 34.4 अरब डॉलर यानी 2.56 लाख करोड़ रुपए जुटाएगी।
एंट के आईपीओ में रिटेल और संस्थागत निवेशक जबरदस्त दिलचस्पी दिखा रहे हैं। शंघाई से इस आईपीओ को रिटेल निवेशकों से 19 ट्रिलियन युआन यानी 2.8 ट्रिलियन डॉलर के लिए आवेदन मिला है। यानी रिटेल का जो हिस्सा था वह 872 गुना भरा है। हांगकांग से इस आईपीओ को 168 अरब डॉलर का आवेदन मिला है। यह कुल शेयर का 389 गुना है। अलीबाबा ग्रुप की यह कंपनी इस समय निवेशकों की पसंदीदा कंपनी बनी है।
आंकड़े बताते हैं कि जो 3 लाख करोड़ डॉलर रिटेल निवेशकों ने लगाए हैं, वह रकम यूके की जीडीपी के बराबर है। यह तब हुआ है जब पूरी दुनिया का बाजार या अर्थव्यवस्था अभी कोरोना से नहीं उबर पाई है और खतरा बना हुआ है। साथ ही अगले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव भी है।
निवेशकों को यह विश्वास है कि एंट आगे भी चीन में फाइनेंशियल सर्विसेस के डिजिटलाइजेशन से फायदा उठाएगी। हांगकांग में 25 साल के फाइनेंशियल प्रोफेशनल हैरिसन चान कहते हैं कि उन्होंने अपनी मासिक कमाई का 40 पर्सेंट हिस्सा इस आईपीओ में डाल दिया है। अब वे इस बात को लेकर इंतजार कर रहे हैं कि उन्हें हिस्सा मिलेगा या नहीं, क्योंकि आईपीओ में जिस तरह से पैसे आ रहे हैं, उतने शेयर नहीं हैं। वे कहते हैं कि कंपनी का भविष्य काफी अच्छा है क्योंकि वह कई अलग-अलग बिजनेस में काम कर रही है। और सभी बिजनेस ऑन लाइन हैं। यह पूरी दुनिया के लिए एक अलग ही बिजनेस मॉडल है।
एंट ने साल 2004 में पेमेंट सेवा शुरू किया था और इसने महज 16 साल में ही एक बड़ा एंपायर खड़ा कर दिया है और अब दुनिया का सबसे बड़ा आईपीओ ला रही है। यह ग्राहकों को कम समय के लिए कर्ज देती है। इस कर्ज का पैसा एक मिनट में उनके खाते में पहुंच जाता है। यह बीमा और निवेश प्रोडक्ट भी बेचती है।
एंट के आईपीओ के लिए फाइनेंशियल संस्थान भी एप्लीकेशन डाल रहे हैं। हंगझाऊ की एंट कंपनी कुल 1.92 अरब शेयरों को जारी कर रही है। पहले कंपनी ने 1.67 अरब शेयरों को जारी करने का फैसला किया था। एंट ने इस आईपीओ का मूल्य 10.27 डॉलर प्रति शेयर तय किया है। एंट चीन का सबसे बड़ा पेमेंट प्लेटफॉर्म और अन्य फाइनेंशियल सर्विसेस प्रदाता है।