स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह की शेयर होल्डिंग अटैच करने के लिए हाई कोर्ट में पहुंचे मारन
मुंबई– स्पाइस जेट के प्रमोटर अजय सिंह की दिक्कतें बढ़ती नजर आ रही हैं। कारण यह है कि दक्षिण भारत के सन ग्रुप के चेयरमैन कलानिथि मारन ने दिल्ली हाई कोर्ट में अजय सिंह की शेयर होल्डिंग को अटैच करने के लिए याचिका दाखिल की है। यह याचिका 243 करोड़ की डिपॉजिट भरने में फेल होने के मामले में की गई है।
जानकारी के मुताबिक सितंबर में हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि 6 हफ्तों के भीतर स्पाइस जेट 243 करोड़ रुपए की डिपॉजिट जमा कराए। यह समय 14 अक्टूबर को खत्म हो गया है। मारन और उनकी केएएल एयरवेज ने 2018 में आर्बिट्रेशन पैनल से रिफंड का मामला जीता था। हाईकोर्ट ने मारन की याचिका पर सुनवाई करते हुए स्पाइसजेट को नोटिस जारी कर दिया है। नोटिस के मुताबिक शेयर होल्डिंग पर स्टेटस को दे दिया गया है। यानी जो जैसा है, वैसा ही रहेगा।
मारन ने कहा कि हमने दिल्ली हाई कोर्ट से इस मामले में संपर्क किया था। क्योंकि स्पाइस जेट 243 करोड़ रुपए का पेमेंट करने में फेल रही है। हम कंपनी के प्रमोटर के शेयर होल्डिंग को अटैच करवाना चाहते हैं। उधर दूसरी ओर स्पाइस जेट हाई कोर्ट के ऑर्डर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गई है। सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते इसकी सुनवाई कर सकती है।
अजय सिंह और उनके परिवार की स्पाइस जेट में 30 जून तक 59.93 पर्सेंट होल्डिंग रही है। जबकि मारन जब कंपनी से निकले थे उस समय अजय सिंह की होल्डिंग केवल 2 पर्सेंट थी। 22 अक्टूबर को शेयरों की कीमत के आधार पर अजय सिंह की होल्डिंग का कुल मूल्य 1,727 करोड़ रुपए रहा है। अगर शेयर होल्डिंग अटैच हो जाती है तो अजय सिंह अपनी होल्डिंग को कंपनी में नहीं डाइल्यूट कर पाएंगे।
मारन अपनी पिटीशन में एयरलाइंस के प्रबंधन के रूप में एक प्रशासक (एडमिनिस्ट्रेटर) बिठाने की मांग भी कर रहे हैं, ताकि अजय सिंह की होल्डिंग को बेचकर मारन का पैसा चुकाया जा सके। शेयर होल्डिंग के अलावा पिटीशन में अजय सिंह के बैंक खातों और मूवेबल और इमूवेबल यानी चल और अचल संपत्तियों को भी जब्त करने की मांग की गई है।
फरवरी 2015 को मारन और केएएल एयरवेज, उनके इनवेस्टमेंट वेहिकल ने स्पाइस जेट में अपने 58.46 पर्सेंट हिस्से को अजय सिंह को ट्रांसफर कर दिया था। इसमें सिंह ने एयरलाइंस की 1,500 करोड़ रुपए की देनदारी भी ली थी। एग्रीमेंट के मुताबिक मारन और केएएल एयरवेज ने कहा कि उन्होंने 679 करोड़ रुपए वारंट और प्रेफरेंसेस शेयरों के लिए पेमेंट किया था। 2017 में मारन ने आर्बिट्रेशन में कहा कि अजय सिंह न तो कनवर्टिबल वारंट और प्रफरेंसेस शेयर को जारी कर रहे हैं और न ही पैसे दे रहे हैं। जुलाई 2018 में आर्बिट्रेशन पैनल ने मारन के दावों को खारिज कर दिया।
हालांकि इसके साथ ही पैनल ने यह कहा कि 579 करोड़ रुपए और ब्याज का रिफंड स्पाइसजेट को करना होगा। स्पाइस जेट ने इसके एवज में 329 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी दी थी। साथ ही 250 करोड़ रुपए की कैश डिपॉजिट की थी। स्पाइसजेट ने 30 जून की तिमाही में 600 करोड़ रुपए का घाटा दिखाया है। इसी अवधि में इसकी नेटवर्थ 2,170 करोड़ रुपए की रही है जो निगेटिव है।